Defence export: दुनिया भर में मची भू-राजनीतिक उथल-पुथल के बीच भारत भी जमकर हथियार बेच रहा है. ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सबसे ज्यादा हथियार अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया को बेच रहा है. अमेरिका भारत से सबसे ज्यादा एयरक्राफ्ट का पार्ट आयात कर रहा है. वहीं, फ्रांस सबसे ज्यादा सॉफ्टवेयर तो आर्मेनिया सबसे ज्यादा तोप खरीद रहा है.


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आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को कहा है कि भारत वर्तमान में दुनिया भर के 100 से अधिक देशों को हथियार बेच रहा है. वहीं, पिछले साल सबसे ज्यादा अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया को हथियार निर्यात किया गया है. रक्षा मंत्रालय घरेलू और अंतरराष्ट्रीय जरूरतों को पूरा करने के लिए इन उपकरणों के उत्पादन में सुधार के लिए देश में रक्षा निर्यात और मैन्यूफैक्चरिंग पर जोर दे रहा है.


अमेरिका को सबसे ज्यादा एयरक्राफ्ट के पार्ट्स


सूत्रों का कहना है कि अमेरिका को सबसे ज्यादा एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर के पार्ट्स निर्यात किए गए हैं. इन्ही पार्ट्स की मदद से लॉकडीन मार्टिन और बोइंग जैसी ग्लोबल डिफेंस कंपनियां हथियार बनाएंगी. 


वहीं, फ्रांस को सबसे ज्यादा सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक इक्यूपमेंट निर्यात किए गए हैं. जबकि आर्मेनिया को ATAGS आर्टिलरी गन, पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम, हथियार पता लगाने वाले रडार और अन्य जरूरी सिस्टम निर्यात किए गए हैं.


भारत का प्रोडक्शन वैल्यू तीन गुना हुआ


 


सूत्रों ने कहा कि 2014-15 के बाद से देश में डिफेंस प्रोडक्शन का वैल्यू काफी बढ़ गया है. उन्होंने कहा, "2014-15 के बाद से उत्पादन के मूल्य में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है. जहां भारतीय कंपनियों ने 2014-15 में 46,429 करोड़ रुपये का हथियार बनाया, वहीं पिछले वित्त वर्ष में यह 1,27,265 करोड़ रुपये हो गया है."


हथियार प्रोडक्शन के इस वैल्यू में प्राइवेट सेक्टर का योगदान 21 प्रतिशत है. देश में बने प्रमुख रक्षा हथियारों में LCA तेजस फाइटर जेट, एयरक्राफ्ट कैरियर्स, युद्धपोत, पनडुब्बियां, धनुष आर्टिलरी गन सिस्टम, एमबीटी अर्जुन, एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम लाइट स्पेशलिस्ट व्हिकल, हाई मोबिलिटी व्हिकल, वेपन लोकेटिंग रडार, थ्री डी टेक्टिकल कंट्रोल रडार, सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो और आकाश मिसाइल सिस्टम शामिल हैं.