हाई कोर्ट जज बोले- यज्ञ में गाय का घी डालने से होती है बारिश, गंभीर बीमारी में पंचगव्य लाभकारी
इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) के जज शेखर कुमार यादव ने कहा कि यज्ञ में गाय का घी डालने से बारिश होती है, क्योंकि इससे सूर्य की किरणों को विशेष ऊर्जा मिलती है.
प्रयागराज: हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) के जज ने गाय (Cow) को 'राष्ट्रीय पशु' घोषित करने की मांग की थी. इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस शेखर कुमार यादव ने वैज्ञानिकों का हवाला देते हुए कहा था कि गाय एकमात्र ऐसा जानवर है, जो ऑक्सीजन लेती और छोड़ती है. उन्होंने यह भी कहा था कि यज्ञ में गाय का घी डालने से बारिश होती है और पंचगव्य से गंभीर बीमारियां दूर होती हैं.
'यज्ञ में गाय का घी डालने से होती है बारिश'
जस्टिस शेखर कुमार यादव ने हिन्दी में लिखे 12 पेज के फैसलों में कहा कि भारत में यज्ञ में आहुति में गाय के दूध से बने घी का उपयोग करने की परंपरा है. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे सूर्य की किरणों को विशेष ऊर्जा मिलती है जो अंतत: बारिश का कारण बनती है.
'पंचगव्य से होता है असाध्य रोगों का भी उपचार'
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 'इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) के जज शेखर कुमार यादव ने कहा, 'गाय के दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर से पंचगव्य बनता है. इससे कई असाध्य रोगों (गंभीर बीमारियों) का भी उपचार होता है.'
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'गोमांस का सेवन मौलिक अधिकार नहीं'
दरअसल, हाई कोर्ट के जज ने ये टिप्पणी 59 वर्षीय एक व्यक्ति पर मुकदमे से जुड़े मामले में की है, जिसे इसी साल मार्च में गो हत्या के आरोप में उत्तर प्रदेश के संभल जिले से गिरफ्तार किया गया था. आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि गायें भारत की संस्कृति का हिस्सा हैं और गोमांस का सेवन किसी भी व्यक्ति का मौलिक अधिकार नहीं माना जा सकता है.
'जीवन में 400 लोगों को दूध देती है गाय'
आर्य समाज के संस्थापक दयानंद सरस्वती के हवाले से जस्टिस शेखर कुमार यादव ने कहा कि अपने जीवन में गाय 400 से ज्यादा लोगों को दूध देती है, जबकि उसके मीट से केवल 80 लोगों का पेट भरा जा सकता है. उन्होंने कहा कि जीसस क्राइस्ट ने कहा था कि गाय और बैल को मारना एक इंसान को मारने जैसा है.
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