उत्तर प्रदेश: विधानसभा में बसपा और भाजपा सदस्यों में तीखी नोकझोंक
उत्तर प्रदेश विधानसभा में बसपा और सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हो गयी, जिससे सदन की बैठक करीब 55 मिनट स्थगित रही.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में बसपा और सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हो गयी, जिससे सदन की बैठक करीब 55 मिनट स्थगित रही. राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भाजपा के दल बहादुर कोरी ने बसपा और उसके नेता को लेकर कुछ टिप्पणी कर दी, जिस पर सदन में मौजूद बसपा के लालजी वर्मा और सुखदेव राजभर सहित पार्टी के सदस्यों ने कड़ी आपत्ति की. बसपा सदस्यों की आपत्तियों पर श्रम एवं रोजगार मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य कोरी के बचाव में बोलने लगे. उन्होंने कहा कि कोरी उस पार्टी में रहते हुए जिन स्थितियों से गुजरे हैं, उन्होंने केवल उसका इजहार किया है. कोरी भी पहले बसपा में थे. इस पर बसपा सदस्यों और मौर्य के बीच तीखी नोकझोंक हो गयी. बसपा सदस्यों ने मांग की कि कोरी माफी मांगें क्योंकि उन्होंने सदन में बसपा नेता का नाम लिया है.
यह भी पढ़ें- यूपी: संगठित अपराध के खात्मे के लिए 'यूपीकोका' विधेयक विधानसभा में पारित, विपक्ष ने करार दिया 'काला कानून'
सदन की कार्यवाही 55 मिनट तक स्थगित रखी
इस पर मौर्य ने कहा कि कोई नाम नहीं लिया गया है और आपत्तिजनक हिस्से को सदन की कार्यवाही से हटाया जा सकता है. नोकझोंक बढती देख अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सदन की कार्यवाही 55 मिनट तक स्थगित रखी.
बैठक पुन: शुरू होने पर कोरी ने कहा कि भाजपा की वजह से ही बसपा राज्य में तीन बार सरकार बना चुकी है. अगर उनके कहे किसी शब्द से कोई आहत हुआ हो तो वह अपने शब्द वापस लेते हैं. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने भी पूरे प्रकरण को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.
इनपुट भाषा से भी