देहरादून: तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) 115 दिन के लिए ही उत्तराखंड (Uttarakhand) के मुख्यमंत्री रहे. इस दौरान उनके काम की तारीफ कम और उनके बयानों से विवाद ज्यादा बढ़ा. कभी कुंभ की भीड़ तो कभी महिलाओं की फटी जींस पहनने को लेकर तीरथ सिंह रावत के बयानों से बीजेपी (BJP) बैकफुट पर आ गई.


तीरथ सिंह रावत ने दिए कई विवादित बयान


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बीजेपी ने एक नए चेहरे के साथ त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) के कार्यकाल के अंसतोष को कम करने की रणनीति बना तो ली, लेकिन तीरथ सिंह रावत डैमेज कंट्रोल करने से ज्यादा अपने बयानों से सरकार और पार्टी दोनों को नुकसान पहुंचाने लगे.


कुंभ को लेकर तीरथ सिंह रावत ने कही ये बात


सत्ता में आते ही तीरथ सिंह रावत के सामने कोरोना काल में कुंभ के आयोजन की बड़ी जिम्मेदारी थी. लेकिन उन्होंने एक चौंकाने वाला बयान दिया. तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मां गंगा की कृपा से कुंभ में कोरोना नहीं फैलेगा. फिर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना भगवान से कर दी. इसके बाद लोगों ने तीरथ सिंह रावत का संस्कार पुराण सुना, जिसमें वो फटी जींस पहनने वाली महिलाओं को संस्कार का पाठ पढ़ा रहे थे.


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सीएम तीरथ ने बताया ज्यादा राशन पाने का फॉर्मूला


फिर तीरथ सिंह रावत ने इतिहास बदलते हुए भारत को अमेरिका गुलाम बता दिया और ज्यादा राशन पाने को एक ऐसा फॉर्मूला बता दिया, जिसे सुनकर बीजेपी के नेताओं ने भी सिर पकड़ लिया.


तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि भारत 130-135 करोड़ लोगों की आबादी का देश आज भी राहत महसूस करता है. अन्य देशों की अपेक्षा हम लोग 200 साल अमेरिका के गुलाम थे. पूरे विश्व के अंदर उसका राज था, कभी सूरज छिपता ही नहीं था ये कहते थे. लेकिन आज के समय में वो डोल गया.


भारत को बताया था अमेरिका का गुलाम


तीरथ सिंह रावत का सामान्य ज्ञान भी हैरान करने वाला था. लेकिन कोरोना काल में अधिक राशन पाने का जो फॉर्मूला उन्होंने दिया वो तो अमेरिका वाले ज्ञान से भी अद्भुत था. उन्होंने कहा कि हर घर में 5 किलो यूनिट अनाज देने का काम किया. जिसके 10 थे 50 किलो आ गया, जिसके 20 थे उसको 1 क्विंटल मिला. 2 थे तो 10 किलो ही आया. लोगों ने स्टोर बना लिए. खरीददार तलाश लिए.


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उन्होंने आगे कहा कि ज्यादा राशन मिलने से लोगों को एक दूसरे से जलन होने लगी. मेरे 2 हैं तो मुझे 10 किलो ही मिला. 20 वाले को 1 क्विंटल क्यों मिला? इसमें दोष किसका है, उसने 20 पैदा किए और आपने 2 पैदा किए. उसको 1 क्विंटल मिल रहा तो जलन क्यों? जब समय था तब आपने 2 ही किए 20 क्यों नहीं किए?


वैसे इससे पहले फटी जींस पर तीरथ सिंह रावत का बयान उन्हें देशभर में पहले ही मशहूर कर चुका था. बीजेपी ने तीरथ सिंह रावत को गेम चेंजर समझ कर मैदान में उतारा था, लेकिन उनके बयान अपनी ही पार्टी पर भारी पड़ने लगे.


हालांकि तीरथ सिंह रावत का कहना है कि उत्तराखंड में संवैधानिक संकट टालने के लिए उन्होंने इस्तीफा दिया है क्योंकि नियमों के मुताबिक मुख्यमंत्री बनने के 6 महीने के अंदर उन्हें विधान सभा का सदस्य बनना था. लेकिन संविधान के आर्टिकल 151 के मुताबिक अगर विधानसभा चुनाव में एक साल से कम का समय बचता है तो वहां उपचुनाव नहीं कराए जा सकते.


तीन महीने में तीरथ सिंह रावत कोई ऐसा करिश्मा नहीं कर पाए कि उन्हें आगामी चुनाव का चेहरा बनाया जा सके. कहा जा रहा है कि तीरथ सिंह रावत ने विधान सभा चुनाव लड़ने को लेकर भी कोई उत्सुकता नहीं दिखाई. पार्टी में भी उनके के खिलाफ विरोध की आवाज तेज हो गई. आलाकमान को ये डर सता रहा था कि अगर विधान सभा चुनाव के बाद तीरथ सिंह रावत की लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव कराना पड़ता और अगर उसके नतीजे अनुकूल नहीं होते तो केंद्रीय नेतृत्व की मुश्किल बढ़ सकती थीं.


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