Uttarakhand Haldwani Violence Update: उत्तराखंड के हिंसा प्रभावित इलाके बनफूलपुरा में हिंसा के बाद हालात धीरे- धीरे सामान्य हो रहे हैं. पुलिस- प्रशासन सख्ती बरतते हुए दंगाइयों को एक- एक करके गिरफ्तार कर रहा है. इसी बीच बनभूलपुरा के विवादित मालिक का बगीचा नाम की जमीन जहां अतिक्रमण करके अवैध मस्जिद और मदरसा बनाया गया था. उसे समतल करके हल्द्वानी पुलिस ने आज बनभूलपुरा पुलिस चौकी खोल दी है. इस पुलिस चौकी का उद्घाटन उन महिला पुलिसकर्मियों से करवाया गया, जो बनभूलपुरा हिंसा में घायल हो गई थीं. 


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सीएम की घोषणा के 24 घंटे के अंदर खोली चौकी


बताते चलें की हल्द्वानी हिंसा में उपद्रवियों ने बनभूलपुरा चौकी को आग लगा कर खाक कर दिया था. इसके साथ ही वहां खड़ी पुलिसकर्मियों की बाइकों और दूसरी गाड़ियों को भी जला दिया था और पुलिसकर्मियों पर अंधाधुंध पथराव करके उन्हें घायल कर दिया था. इसके बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को घोषणा की थी कि जिस जगह पर अवैध मदरसा बनाया गया था, वहां पर पुलिस चौकी खोली जाएगी. सीएम की इस घोषणा के 24 घंटे के भीतर ही हल्द्वानी पुलिस ने विवादित मलिक का बगीचा नाम की जमीन पर बनभूलपुरा पुलिस चौकी खोल दी.


हिंसा में शामिल 6 आरोपी किए गए अरेस्ट


इस मौके पर नैनीताल के एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा भी मौजूद थे. उन्होंने बताया कि बनभूलपुरा हिंसा और उपद्रव की घटना में शामिल लोगों के खिलाफ नैनीताल पुलिस की दबिश जारी है. पुलिस ने आज 6 उपद्रवियों के घर रेड डालकर वहां से 2 तमन्चे, 6 जिन्दा कारतूस और 2 खोखे बरामद किए. इसके साथ ही उन आरोपियों को भी अरेस्ट कर लिया गया. इस हिंसा में अभी तक कुल 36 उपद्रवी गिरफ्तार हो चुके हैं. साथ ही 41 शस्त्र धारकों के निरस्त शस्त्र थाने में जमा किए गए हैं. 


'किसी भी निर्दोष पर कार्रवाई नहीं होगी'


वहीं उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार ने बनफूलपुरा हिंसा पर आम लोगों से शांति बरतने की अपील की है. डीजीपी ने कहा कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें और इस घटना को सांप्रदायिक रंग न लेने दें. उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन की टीम पर हमला करने वाले सभी आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. एक्शन लेने से पहले विभिन्न सबूतों के जरिए आरोपियों को चिह्नित किया जाएगा. किसी भी निर्दोष पर पुलिस कोई कार्यवाही नहीं करेगी.


'भीड़ ने 3- 4 घंटे तक जारी रखी हिंसा'


उन्होंने कहा कि दंगाइयों ने पुलिस और सिविल प्रशासन की टीम पर हमला किया. अवैध हथियारों से फायरिंग करके पथराव किया गया. भीड़ ने 3-4 घंटे तक हिंसा जारी रखी. इस तरह की हिंसा बिना उचित प्लानिंग के नहीं की जा सकती. ये एंगल जांच का विषय है, हमें इस पर विचार करने की जरूरत है.