नई दिल्ली: उत्तराखंड (Uttrakhand) के चमोली (Chamoli) जिले के तपोवन (Tapovan) और जोशीमठ (Joshimath) में अचानक आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है. जोशीमठ क्षेत्र में धौलीगंगा नदी के जल स्तर में रविवार की सुबह अचानक भारी बाढ़ के कारण चमोली के रेनी गांव में एक बिजली परियोजना के पास हिमस्खलन हुआ, जिसके बाद से ही ये तबाही का मंजर है. इस बीच मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि कुछ हिस्सों में बारिश और बर्फबारी भी हो सकती है. 


उत्तरी भाग में हल्की बारिश या बर्फबारी 


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मौसम विभाग (Weather Department) ने एक बयान में कहा है कि 7 और 8 फरवरी को उत्तराखंड (Uttrakhand) में शुष्क मौसम की संभावना है. हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के प्रभाव के कारण 9 फरवरी से 10 फरवरी की शाम को उत्तराखंड के उत्तरी भाग में हल्की बारिश या बर्फबारी की संभावना है. बयान में कहा गया है कि चमोली, तपोवन और जोशीमठ में बारिश या बर्फबारी की संभावना नहीं है. यहां मौसम सामान्य रहेगा.  


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पीएम मोदी ने दिया हर संभव मदद का आश्वासन


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने रविवार को ट्विटर के माध्यम से जानकारी दी कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने केंद्र की तरफ से राज्य को हर संभव मदद का भरोसा दिया है. घटना जोशीमठ से 26 किलोमीटर दूर रेनी गांव के पास हुई है. धौलीगंगा नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ आ गई और नदी किनारे स्थित कई घर बह गए. सीएम रावत ने कहा कि ऋषि गंगा और अलकनंदा में बढ़ते जल के सुगम प्रवाह के लिए टिहरी बांध से प्रवाह रोका गया था. आपदा के कारण सभी गांवों और तटवर्ती इलाकों को खाली करा दिया गया है.


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