Silkyara Tunnel Labourers Story: उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल (Silkyara Tunnel) में हालात सामान्य हो रहे हैं. करीब दो महीने पहले सिल्क्यारा टनल में 41 मजदूर फंस गए थे. ये लोग 17 दिन तक उसी में फंसे रहे थे. लेकिन आखिरकार उन्हें सुरक्षित निकाल (Uttarkashi Tunnel Rescue) लिया गया. हालांकि, अब उत्तरकाशी के टनल में फिर से काम शुरू होने लगा है. अब धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं. बचाए गए मजदूर वापस लौटना शुरू हो गए हैं और सुरंग में काम फिर से हो रहा है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पिछले हफ्ते टनल में काम शुरू करने की इजाजत दे दी थी.


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डर के मारे नहीं बंद करेंगे काम


टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, बंगाल के रहने वाले और सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में से एक मणिक तालुकदार भी उत्तरकाशी लौट रहे हैं. मणिक तालुकदार ने बताया कि मैं सिल्क्यारा वापस जा रहा हूं और 31 जनवरी तक वहां पहुंच जाऊंगा. घटना को याद करते हुए मणिक तालुकदार ने कहा कि यह एक बहुत भयानक हादसा था. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम डर के कारण काम करना बंद कर दें.


कठिन वक्त में नहीं छोड़ेंगे साथ


मणिक तालुकदार ने आगे कहा कि हम अपनी नौकरी के जोखिमों को पहले से जानते हैं. कठिन समय में हमारी कंपनी और सरकार दोनों ने हमारा साथ दिया. अब, हमारी बारी है कि उस एहसान को चुकाने का और प्रोजेक्ट को पूरा करने का.


घर से लौटने में क्यों हुई देरी?


वहीं, बिहार के रहने वाले और हाल ही में सिल्क्यारा लौटे दीपक श्रीवास्तव ने टनल का काम दोबारा शुरू होने पर खुशी जताई. दीपक ने कहा कि शुरुआत में मैं लौटने में हिचकिचा रहा था. परिवार के लोग भी ना जान के लिए कह रहे थे. हालांकि, जब मैं यहां लौट आया तो सारी टेंशन दिमाग से निकल गई. मैं वापस आकर खुश हूं.


दीपक श्रीवास्तव ने आगे कहा कि टनल में सेफ्टी मेजर्स को बेहतर बनाया गया है. एजेंसियां सुरक्षा के बारे में पहले से ज्यादा जागरूक हैं. मैंने अपने घर वापस आए साथी मजदूरों को यह बताया और उन्होंने भी कहा कि वे लोग अगले कुछ दिनों में वापस आएंगे.