Varun Gandhi को बचपन में हमेशा अपने पास रखती थीं दादी इंदिरा, ऐसा था राहुल-प्रियंका से रिश्ता
Varun Gandhi Family: बीजेपी सांसद वरुण गांधी, संजय और मेनका गांधी के बेटे हैं और प्रियंका व राहुल गांधी के चचेरा भाई हैं. बचपन में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी, वरुण के काफी करीब थे और इंदिरा गांधी भी उन्हें खूब प्यार करती थीं.
Varun Gandhi close to Priyanka Gandhi: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) के राजनीतिक भविष्य को लेकर कई चर्चाएं हो रही हैं और कहा जा रहा है कि वो कांग्रेस (Congress) पार्टी में शामिल हो सकते हैं. हालांकि, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अलग विचारधारा की बात कहकर वरुण की कांग्रेस में एंट्री से इनकार कर दिया है, लेकिन कई रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि अब प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) वरुण से बात कर रही हैं. बता दें कि वरुण, संजय और मेनका गांधी के बेटे हैं और प्रियंका व राहुल गांधी के चचेरा भाई हैं.
बचपन में राहुल और प्रियंका के करीब थे वरुण
वरुण गांधी (Varun Gandh) के रास्ते भले ही आज अलग हैं, लेकिन बचपन में वो अपने चचेरे भाई राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और बहन प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के बेहद ही करीब थे. रिपोर्ट्स के अनुसार, बचपन में प्रियंका गांधी अपने भाई राहुल से ज्यादा चचेरे भाई वरुण को प्यार करती थीं.
इंदिरा गांधी वरुण को हमेशा रखती थीं अपने पास
गांधी परिवार में वरुण (Varun Gandhi) सबसे छोटे थे और इस वजह से वे सबसे लाडले थे. उनकी दादी इंदिरा गांधी भी उनका बहुत ख्याल रखती थीं. संजय गांधी के निधन के बाद वरुण के लिए इंदिरा गांधी का प्यार और ज्यादा बढ़ गया. वह उन्हें हमेशा अपने पास ही रखती थीं.
3 माह में पिता और 4 साल की उम्र में दादी को खो दिया
23 जून 1980 को वरुण गांधी (Varun Gandhi) के पिता संजय गांधी (Sanjay Gandhi) की प्लेन दुर्घटना में मृत्यु हो गई. उस समय वरुण की उम्र सिर्फ 3 माह थी. वरुण के ऊपर दुखों का पहाड़ उस समय टूट पड़ा, जब उन्होंने 4 साल की उम्र में अपनी दादी इंदिरा गांधी को भी खो दिया. बता दें कि 31 अक्टूबर 1984 को दिल्ली में इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी.
वरुण गांधी का राजनीतिक करियर
गांधी परिवार से आने के बावजूद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी (BJP) से की थी और साल 2004 में पार्टी में शामिल हुए थे. इससे पहले उनकी मां मेनका गांधी ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी और वरुण ने पहली बार साल 1999 में मां के लिए लोकसभा चुनाव में पीलीभीत में प्रचार किया था. 2004 में बीजेपी जॉइन करने के बाद वरुण को साल 2009 के लोकसभा चुनाव में पहली बार पार्टी ने पीलीभीत से टिकट दिया और चुनाव जीतकर वो पहली बार लोकसभा पहुंचे. वे लगातार तीन बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं.
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