बाईपास सर्जरी के लिए सब्जी काटने वाले चाकू का इस्तेमाल... अविश्वास प्रस्ताव पर पहली बार बोले जगदीप धनखड़
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों को `उदात्तता, उत्कृष्ट गुणों और संवैधानिकता के प्रति प्रतिबद्धता से सिद्ध होना चाहिए` और `वे हिसाब बराबर करने की स्थिति में नहीं हैं.`
Jagdeep Dhankhar on No-Confidence Motion: उपराष्ट्रपति और राज्यसभा से सभापति जगदीप धनखड़ ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि बाईपास सर्जरी के लिए कभी भी सब्जी काटने वाले चाकू का इस्तेमाल न करें. बता दें कि पिछले सप्ताह संसद में पेश अविश्वास प्रस्ताव के जरिए राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को हटाने की मांग की गई थी. उन्होंने आगे कहा कि संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों को 'उदात्तता, उत्कृष्ट गुणों और संवैधानिकता के प्रति प्रतिबद्धता से सिद्ध होना चाहिए' और 'वे हिसाब बराबर करने की स्थिति में नहीं हैं.'
वह जंग लगा हुआ चाकू था: जगदीप धनखड़
जगदीप धनखड़ ने कहा, 'बस उपराष्ट्रपति के खिलाफ नोटिस को देखिए... आप चौंक जाएंगे. पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी ने एक बार कहा था, 'बाईपास सर्जरी के लिए कभी भी सब्ज़ी काटने वाले चाकू का इस्तेमाल न करें.' जगदीप धनखड़ ने महिला पत्रकारों की सभा में कहा, 'वह नोटिस सब्जी काटने वाला चाकू भी नहीं था... वह जंग लगा हुआ था. बहुत जल्दबाजी थी. जब मैंने उसे पढ़ा तो मैं हैरान रह गया, लेकिन मुझे सबसे ज्यादा आश्चर्य इस बात पर हुआ कि आप में से किसी ने भी उसे नहीं पढ़ा. अगर आपने पढ़ा होता... तो आप कई दिनों तक सो नहीं पाते.'
मंगलवार को अपने आधिकारिक आवास पर महिला पत्रकारों से बातचीत में जगदीप धनखड़ ने नोटिस का जिक्र करते हुए कहा कि जिसने भी इसकी विषय-वस्तु पढ़ी होगी, वह कई दिनों तक सो नहीं पाया होगा. विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि अप्रैल 2023 में उनके इस फैसले की पार्टियों ने आलोचना की थी कि क्या उच्च सदन का कोई सदस्य निचले सदन के किसी सदस्य से जुड़ा मुद्दा उठा सकता है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मंत्री पीयूष गोयल का उदाहरण दिया, जिन्होंने अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान लोकसभा सांसद राहुल गांधी से उनके भाषण के लिए माफी मांगी थी. जबकि, कांग्रेस ने इस उल्लेख पर आपत्ति जताई थी, धनखड़ ने उस समय फैसला सुनाया था कि कानून इस मुद्दे को उठाने से नहीं रोकता है.
उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी के बारे में एक मुद्दा आया, वह उस समय राज्यसभा में विपक्ष के नेता नहीं थे. सदन के नेता पीयूष गोयल ने एक मुद्दा उठाया... मैंने इस पर फैसला किया... अगर कुछ गलत है तो मुझे मार्गदर्शन मिलने में खुशी होगी, लेकिन वे (विपक्ष) यह पचा नहीं पाए कि अध्यक्ष ऐसा कैसे तय कर सकते हैं... मैं जानता हूं कि यूपीए अध्यक्ष (सोनिया गांधी) एक महान महिला हैं, लेकिन उन्होंने संवैधानिक पद को घसीटा... मुझे फैसला करने के लिए बुलाया गया... मैंने फैसला किया.'
जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव
यह बयान विपक्ष द्वारा संसद के हाल ही में हुए शीतकालीन सत्र के दौरान 10 दिसंबर को उपराष्ट्रपति (जो राज्यसभा के अध्यक्ष भी हैं) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस पेश करने की पृष्ठभूमि में आया है. 19 दिसंबर को तकनीकी खामियों सहित कई आधारों पर उच्च सदन के उपसभापति हरिवंश ने इस नोटिस को खारिज कर दिया था. हरिवंश ने इस कदम को 'लापरवाही' और 'अहंकारी' बताया और कहा कि इसमें जगदीप धनखड़ का नाम भी गलत लिखा गया है.