मुंबई: शिव सेना (Shiv Sena) के मुखपत्र सामना (Saamna) में RSS सर संघचालक के हिंदू-मुस्लिम विषय पर दिए गए भाषण को लेकर बीजेपी (BJP) पर निशाना साधा गया है. सामना में लिखा है कि लोगों को अब उन्माद, धर्मद्वेष की राजनीति नहीं चाहिए. ये सरसंघचालक ने भले ही मान लिया हो, फिर भी उनके राजनीतिक अंग बीजेपी ने यह स्वीकार किया है क्या? 


'केंद्र सरकार पर तीखा हमला'


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

संपादकीय में आगे लिखा है कि इस बात पर विचार किया जाना चाहिए कि सरसंघचालक मोहन भागवत को ये क्यों कहना पड़ रहा है कि सभी धर्मों के लोगों का DNA एक है. सरसंघचालक ने मुस्लिम समाज को पुकार लगाई है. भागवत ने कहा, 'हिंदुस्तान में इस्लाम खतरे में है इस भय के जाल में न फंसें क्योंकि धर्म कोई भी हो, पर सभी हिंदुस्तानियों का DNA समान ही है. हिंदू और मुस्लिम में संघर्ष का कारण गलतफहमी है. हिंदू-मुस्लिम का एक साथ होना, ये संकल्पना ही गुमराह करने वाली है.क्योंकि हिंदू और मुसलमान एक ही हैं’ पर वर्तमान में दिल्ली के सत्ताधारियों को क्या ये बातें पसंद आएंगी.'


ये भी पढ़ें- हाथ की ये रेखाएं बताती हैं व्‍यक्ति Depression में जाएगा या नहीं, ऐसे लगाएं पता


‘सरसंघचालक ने विसंगति पर हमला बोला’


सामना के संपादकीय में आरोप लगाया गया, 'एक तरफ घर में ‘बीफ’ मिला ऐसे आरोप लगाकर लोगों की लिंचिंग हो रही है जबकि ऐसे कई राज्यों में गाय का मांस बेचा जाता है जहां खुद को हिंदुत्ववादी कहने वाली पार्टी की सरकार है. इसका सीधा सा मतलब ये है कि सरकार कमाई के जरिए को खत्म करना नहीं चाहती. इससे सरकार की तिजोरी में बड़ी कमाई हो रही है. एक तरफ गोमांस बिक्री पर, प्रार्थना पद्धति पर मॉब लिंचिंग और दूसरी तरफ हिंदुत्ववादी राज्यों में गोमांस बिक्री, ये ढोंग है. सरसंघचालक ने इसी विसंगति पर हमला बोला है. सरसंघचालक ने उन्मादी तरीके से राज्य चलाने वालों के कान खींचे हैं.'


LIVE TV