Vijay Diwas पर PM Modi ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, `विजय ज्योति यात्रा` को किया रवाना
साल 1971 के युद्ध (India Pakistan War) में पाकिस्तान (Pakistan) पर भारत की जीत को 16 दिसंबर के दिन विजय दिवस (Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है. इस युद्ध के अंत में 93000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना (Indian Army) के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था.
नई दिल्ली: साल 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध (India Pakistan War) के 50 साल पूरा होने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने (Narendra Modi) आज (बुधवार) दिल्ली से 'विजय ज्योति यात्रा' को रवाना किया. विजय ज्योति यात्रा में चार विजय मशालें शामिल हैं. ये चार विजय मशालें एक साल तक पूरे देश के छावनी क्षेत्रों का भ्रमण करेंगी. विजय ज्योति यात्रा अगले साल नई दिल्ली में पूरी होगी.
पीएम मोदी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज विजय दिवस (Vijay Diwas) के मौके पर दिल्ली में नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), सीडीएस बिपिन रावत (Bipin Rawat) और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद रहे.
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देश के विभिन्ना भागों में जाएगी विजय मशाल
रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि पीएम मोदी चार विजय मशालों को राष्ट्रीय समर-स्मारक पर लगातार जलती रहने वाली ज्योति से प्रज्ज्वलित करेंगे और फिर इन्हें रवाना करेंगे. विजय मशाल को 1971 के युद्ध के परमवीर चक्र और महावीर चक्र विजेताओं के गांवों सहित देश के विभिन्न भागों में ले जाया जाएगा. इसके साथ ही परमवीर चक्र और महावीर चक्र विजेताओं के गांवों के साथ-साथ 1971 के युद्ध स्थलों की मिट्टी को नई दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में लाया जाएगा.
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क्यों मनाया जाता है विजय दिवस
साल 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत को 16 दिसंबर के दिन विजय दिवस (Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है. इस युद्ध के अंत में 93000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. पूर्वी पाकिस्तान में स्वतंत्रता के लिए चल रहे संघर्ष के बीच 3 दिसंबर 1971 को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हुआ था. 13 दिन बाद यानी 16 दिसंबर को पाकिस्तानी सेना के बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया और बांग्लादेश एक अलग देश बना.