Vivek Saini Murder Update in US: पंचकूला के गांव भगवानपुर के रहने वाले विवेक सैनी की अमेरिका में बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी गई. उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव भगवानपुर में किया गया था. जी न्यूज से बात करते हुए उनके भाई और बहन ने कहा कि अमेरिका में भारतीयों के साथ ऐसी घटनाए होती रहती है. मृतक की बहन ने बताया, 'मेरे भाई ने उस व्यक्ति की सहायता की. उसे खाने पीने के लिए दिया और स्टोर में रखा. इसके बाद भी उस व्यक्ति ने मेरे भाई का मर्डर कर दिया.' 


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'हथौड़े से 50 वार कर मर्डर'


मृतक विवेक सैनी के चचेरे भाई ने बताया, 'हत्या से पहले मैं विवेक से मिलकर आया था. मैंने भी उस व्यक्ति को वहां पर बैठे हुए देखा था. तब विवेक ने मुझे बताया था कि मैंने इस व्यक्ति की मदद की है लेकिन उसे नहीं मालूम था कि जिस व्यक्ति की वह मदद कर रहा है, वही व्यक्ति उसके जान का दुश्मन बन जाएगा. वह व्यक्ति दो दिन तक स्टोर के बाहर बैठा रहा, जब मेरे भाई ने उस व्यक्ति से वहां से जाने को कहा और पुलिस कंप्लेंट करने की बात की. इस पर भड़के उस व्यक्ति ने हथौड़े से विवेक पर ताबड़तोड़ 50 वार कर दिए. जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.'


'जेल से 3 दिन पहले छूटकर आया था'


मृतक की बहन ने बताया कि हमें नहीं मालूम था कि हमारा भाई इस तरीके से भारत वापस आएगा. घटना के बाद से घर में और पूरे गांव में शोक की लहर हैं. मृतक की बहन के मुताबिक, 'जिस व्यक्ति ने उसके भाई की हत्या की है. वह व्यक्ति तीन दिन पहले ही जेल से छूट कर आया था. उस व्यक्ति के पास ना तो रहने के लिए घर था और ना ही खाने के लिए कुछ. उन्होंने कहा कि वह व्यक्ति पुलिस की कस्टडी में है और अपने आप को बचाने के लिए दिमागी तौर पर परेशान होने का दावा कर रहा है. जिस व्यक्ति ने मेरे भाई की हत्या की है, उसके पास किसी भी तरह का ड्रग्स नहीं था और ना ही वह ड्रग्स एडिक्ट था.'


'अमेरिका में भारतीयों के साथ ऐसा ही होता है'


अपने भाई को कोने के गम से सिसक रही बहन ने बताया, 'हम पूछना चाहते हैं कि आखिरकार उसने हमारे भाई के साथ ऐसा क्यों किया,जबकि हमारे भाई ने तो उसकी मदद की थी. हम भारतीयों में दूसरों की मदद करने की भावना होती है लेकिन मेरे भाई को नहीं पता था कि जिस व्यक्ति की वह मदद कर रहा है. वह व्यक्ति उसे जान से मार देगा. अमेरिका में तो भारतीयों के साथ ऐसा ही होता है.' 


'2 साल बाद लौटकर वापस आ रहा था भाई'


पीड़ित बहन ने बताया, 'मेरे भाई को 24 जनवरी को दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरना था लेकिन जब 25 जनवरी को वह उस तरीके से नहीं आया जिस तरीके से हम उसका इंतजार कर रहे थे. 2 साल पहले मेरा भाई अमेरिका गया था. उसके बाद अब वह पहली बार भारत आ रहा था. घर वालों में भी खुशी की लहर थी कि 2 साल बाद हमारा बेटा घर आ रहा है लेकिन हम लोगों को नहीं मालूम था कि 2 साल बाद हमारा भाई इस तरीके से भारत वापस आएगा. अमेरिका की सरकार ने हमें वकील दिया है और हमसे हमारे बयान मंगवाए हैं जो हम उन्हें देंगे.'