भारत और रूस के बीच एस-400 डिफेंस सिस्टम पर आज करार संभव, अमेरिका की रहेगी नजर
गुरुवार को अपने दो दिनी दौरे पर भारत पहुंचे हैं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन. आज पीएम मोदी से होगी द्विपक्षीय वार्ता.
नई दिल्ली : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने दो दिनी दौरे के तहत गुरुवार को भारत पहुंच चुके हैं. वह इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्षिक द्विपक्षीय शिखर बैठक करेंगे. उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच एस-400 वायु रक्षा प्रणाली सहित अंतरिक्ष और ऊर्जा जैसे अहम क्षेत्रों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है. माना जा रहा है कि एस-400 डिफेंस सिस्टम पर दोनों देशों के बीच शुक्रवार को समझौता हो सकता है.
गुरुवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यहां पहुंचने पर पुतिन की अगुवानी की. उसके बाद पुतिन सीधे लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री निवास गए जहां दोनों नेताओं ने आमने-सामने बैठक की. बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके लिए एक निजी रात्रिभोज का आयोजन किया.
शुक्रवार को 19वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन होना है. सम्मेलन में दोनों नेता विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा करेंगे. इनमें मास्को के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंध और आतंकवाद विरोधी सहयोग शामिल हैं. रूसी राष्ट्रपति के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है जिसमें उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव, विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और व्यापार एवं उद्योग मंत्री डेनिस मंतुरोव शामिल हैं.
बैठक के पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रपति पुतिन, भारत में आपका स्वागत है. बातचीत को लेकर उत्सुक हूं, इससे भारत-रूस संबंध और प्रगाढ़ होंगे.’’ उनका ट्वीट रूसी भाषा में भी पोस्ट किया गया. पुतिन के भारत पहुंचने के बीच रूसी समाचार एजेंसी तास ने खबर दी है कि शुक्रवार को कई द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. इनमें भारत को एस-400 वायु रक्षा प्रणाली देने के लिए पांच अरब डॉलर का करार शामिल है.
हस्ताक्षर किए जाने वाले समझौतों से रक्षा, अंतरिक्ष, व्यापार, ऊर्जा और पर्यटन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा. लेकिन मुख्य ध्यान एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली सौदे पर होगा क्योंकि यदि इस पर हस्ताक्षर किए गए तो इससे रूस से हथियारों की खरीद पर अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन हो सकता है.
भारत ने संकेत दिए हैं कि अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद वह करार की दिशा में आगे बढ़ेगा. भारत अपने वायु रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है, खासतौर पर लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा के लिए. रूस भारत के प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ताओं में से एक रहा है.
सूत्रों ने पहले कहा था कि मोदी और पुतिन ईरान से कच्चे तेल के आयात पर अमेरिकी प्रतिबंधों के प्रभाव पर भी विचार करेंगे. मोदी के साथ बातचीत करने के अलावा रूसी नेता पुतिन शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ भी बैठक करेंगे. वह प्रतिभाशाली बच्चों के एक समूह के साथ भी बातचीत करेंगे और भारत-रूस व्यापार बैठक को संबोधित करेंगे.