Joint Parliamentary Committee: वक्फ संशोधन विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति में विवाद कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है. इसी कड़ी में विपक्षी सांसदों ने समिति के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल पर एकतरफा निर्णय लेने का आरोप लगाया है. मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी के नेतृत्व में विपक्षी सदस्य लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिले और अपनी शिकायतें दर्ज कराईं. उनका आरोप है कि पाल के नेतृत्व में समिति की कार्यवाही में उनकी बातों को अनसुना किया जा रहा है.


उचित कदम उठाने का आश्वासन


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जानकारी के मुताबिक लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों की शिकायतों को गंभीरता से सुना और उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द ही इस मामले पर निर्णय लिया जाएगा. बनर्जी ने मुलाकात के बाद कहा कि चर्चा सकारात्मक रही और अध्यक्ष ने उनकी बातों पर सहानुभूति दिखाई. उन्होंने बताया कि बिरला ने पूरी धैर्य से उनकी बात सुनी और समिति की कार्यवाही के संदर्भ में उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया.


क्या आरोप लगाया है?


विपक्षी सांसदों ने सोमवार को एक बयान में आरोप लगाया था कि पाल के नेतृत्व में समिति की प्रक्रिया बाधित हो रही है और निर्णयों में पक्षपात हो रहा है. उन्होंने कहा कि यदि हालात ऐसे ही रहे तो वे समिति से खुद को अलग करने पर मजबूर हो सकते हैं. यह भी जानकारी सामने आई है कि उधर मंगलवार को दाऊदी बोहरा समुदाय की तरफ से समिति के समक्ष वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने अपनी बात रखी है. 


जगदंबिका पाल क्या बोले??


उधर, बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने विपक्ष के इन आरोपों का खंडन किया है. उनका कहना है कि उन्होंने हर सदस्य की बात को सुना है और समिति में निष्पक्षता बरतने का हर संभव प्रयास किया है. पाल ने आरोप लगाया कि समिति की कार्यवाही में रुकावट डालने का प्रयास जानबूझकर विपक्षी सदस्यों द्वारा किया जा रहा है.