Priyanka Gandhi's Open Letter To Wayanad People: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को लिखे एक खुले खत में केरल की वायनाड लोकसभा सीट से उपचुनाव लड़ने के अपने अनुभवों और आकांक्षाओं को साझा किया. वायनाड के लोगों को संबोधित एक भावपूर्ण पत्र में उन्होंने अपने भाई राहुल गांधी के साथ चूरामाला और मुंडक्कई की अपनी यात्रा को याद करते हुए शुरुआत की. उन्होंने चूरामाला और मुंडक्कई में विनाशकारी भूस्खलन के बाद के हालात और समुदाय को हुए भारी नुकसान को देखा था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

चूरामाला और मुंडक्कई में विनाशकारी भूस्खलन के हालात की चर्चा


प्रियंका गांधी वाड्रा ने त्रासदी का सामना करने में वायनाड के लोगों द्वारा दिखाए गए साहस और धैर्य की प्रशंसा की. उन्होंने पत्र में लिखा, "कुछ महीने पहले, मैं अपने भाई के साथ चूरामाला और मुंडक्कई गई थी. मैंने भूस्खलन से हुई तबाही और आपको हुए नुकसान की गहराई देखी. मैं उन बच्चों से मिली जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया था, माताएं जो अपने बच्चों और परिवारों के लिए शोक मना रही थीं, जिनका पूरा जीवन प्रकृति के प्रकोप में बह गया था. फिर भी, आपके साथ हुई त्रासदी के अंधेरे के बीच, एक समुदाय के रूप में आपकी असीम हिम्मत और धैर्य ने मुझे प्रभावित किया."


त्रासदी में भी एक-दूसरे का साथ देने और बहादुरी की जमकर तारीफ


केरल में एकता और निस्वार्थता की भावना पर जोर डालते हुए उन्होंने लिखा, "एक भारी त्रासदी की असहाय स्थिति में भी, आप सहयोग कर रहे थे, एक-दूसरे को सांत्वना दे रहे थे और मानवता के सबसे ऊंचे मानदंडों तक बढ़ रहे थे. आपकी बहादुरी ने मुझे गहराई से छुआ." कांग्रेस नेता ने खत में उस समय की कहानी साझा की जब राहुल गांधी ने उन्हें संसद में वायनाड का प्रतिनिधित्व करने के लिए कहा. उन्होंने वायनाड में रहने वाले समुदायों से सीखने, उनके जीवन और चुनौतियों को समझने और उनकी साहसी भावना का हिस्सा बनने की संभावना पर अपना सम्मान जाहिर किया. 


राहुल गांधी के गर्व के साथ उनके वायनाड सीट छोड़ने पर दुख का जिक्र


उन्होंने वायनाड के मूल्यों और संस्कृति पर राहुल गांधी के गर्व के साथ-साथ निर्वाचन क्षेत्र छोड़ने पर उनके दुख का भी जिक्र किया. उन्होंने लिखा, "आपने मेरे भाई को अपना प्यार दिया है, और मुझे पता है कि वह इसका पूरा बदला चुकाएगा. जब उन्होंने मुझे वायनाड के लिए कांग्रेस उम्मीदवार बनने के लिए कहा, तो उन्होंने अपने दिल में गर्व और दुख के मिश्रण के साथ ऐसा किया. आपके मूल्यों, आपकी संस्कृति और उनके साथ आपके गहरे रिश्ते पर गर्व और आपको छोड़ने का दुख. मैंने उनसे वादा किया कि यहां मेरा काम इस रिश्ते को और मजबूत करेगा और मैं आपके लिए लड़ने और संसद में जिस तरह से आप प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं, उस तरह से आपका प्रतिनिधित्व करने के लिए हर संभव प्रयास करूंगी." 



महिलाओं और प्राकृतिक सुंदरता के लिए  मिलकर काम करने का संकल्प


प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड के लोगों के साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया, ताकि उनके संघर्षों, खासकर खेती और आदिवासी समुदायों के सामने आने वाले संघर्षों का समाधान किया जा सके. उन्होंने महिलाओं के लिए अवसर पैदा करने और क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और संसाधनों का जश्न मनाने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "मेरा मानना ​​है कि पर्यावरण की रक्षा करना तथा पर्यावरण के प्रति सम्मान की अपनी संस्कृति का जश्न मनाना यहां विकास का केंद्र होना चाहिए."


ये भी पढ़ें - कमलेश भाई BJP के Assets हैं.. झारखंड पहुंच किसकी शान में कसीदे पढ़ने लगे हिमंत बिस्वा सरमा


'आप इस यात्रा में मेरे मार्गदर्शक और शिक्षक होंगे...' अंत में वोट की अपील


अंत में, उन्होंने वायनाड के लोगों से जुड़ने, उनके विचारों को सुनने और उनके लाभ के लिए मिलकर काम करने की अपनी उत्सुकता व्यक्त की. उन्होंने लोकतंत्र, न्याय और संवैधानिक मूल्यों के लिए लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, एक जन प्रतिनिधि के रूप में अपनी यात्रा में मतदाताओं का समर्थन मांगा. 


उन्होंने लिखा, "आप इस यात्रा में मेरे मार्गदर्शक और शिक्षक होंगे जो (मुझे उम्मीद है) एक जन प्रतिनिधि के रूप में मेरी पहली यात्रा होगी, लेकिन एक जन सेनानी के रूप में मेरी पहली यात्रा नहीं होगी! लोकतंत्र, न्याय और हमारे संविधान में निहित मूल्यों के लिए लड़ना मेरे जीवन का केंद्र है. आपके समर्थन के साथ हम सभी के भविष्य के लिए इस लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं और अगर आप मुझे अपना सांसद बनाते हैं तो मैं आपकी बहुत आभारी रहूंगी." 


ये भी पढ़ें - 'बंटेंगे तो कटेंगे..' अब RSS ने भी कह दिया, दत्तात्रेय होसबले ने बांग्लादेश के हिंदुओं को भी दिया संदेश