नई दिल्ली: देश मे अक्सर कुपोषित बच्चों की तस्वीरें चर्चा का विषय बन जाती है. उस पर आरोप-प्रत्यारोप भी चलते रहते हैं. लेकिन क्या कोई ये आंकड़ा दे सकता है कि हिंदुस्तान में इतने बच्चे या बच्चियां स्वस्थ हैं, पोषित हैं और WHO के मानकों पर खरा उतरते हैं. 


सरकार चलाएगी खास कैंपेन


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ये आंकड़ा शायद न तो सरकार के पास है और न ही उन मानकों के हिसाब से अभिभावक ही दावे के साथ कह सकते हैं कि हमारा बच्चा स्वस्थ है. लेकिन अब केंद्र सरकार एक अनोखा अभियान शुरू करने जा रही है. महिला और बाल कल्याण मंत्रालय पूरे देश मे अभियान चलाने जा रहा है. इसमें हर अभिभावक जुड़ सकते हैं. 


सरकार अगले साल 8 से 14 जनवरी के बीच एक कैंपेन शुरू करेगी और इसमें 0 से 6 साल के स्वस्थ बच्चे शामिल होंगे. इसकी थीम 'स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा' रखी गई है. नए साल पर ये नया अभियान, सकारात्मक तरीके से देश के नौनिहालों के स्वास्थ्य के बारे में बताएगा.


इस कैंपेन की शुरुआत के पीछे भी एक दिलचस्प वाकया है. हाल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चल रहे पोषण अभियान की प्रगति कार्यक्रम की समीक्षा कर रहे थे. कुपोषण और पोषण आदि पर चर्चा चल रही थी. उसी दरम्यान पीएम मोदी ने कहा कि हम हमेशा बोलते है की कुपोषण कम हुआ या अमुक जगह कुपोषण बढ़ गया है. लेकिन क्या हम पॉजिटिव बात नहीं कर सकते?


पीएम मोदी ने दिया था आइडिया


पीएम मोदी ने कहा कि क्या हम पोषित बच्चों की बात नहीं कर सकते? हमें पोषित बालक-बालिकाओं के बारे में सकारात्मक बात भी करनी चाहिए और ये सिर्फ सरकारी अभियान न बन जाये. बल्कि अभिभावकों को जोड़कर, जन आंदोलन के जरिए ही पोषण को मशहूर करना चाहिए.


इसके बाद महिला और बाल कल्याण मंत्रालय ने इस कैंपेन को सफल कैसे बनाया जाए, इस पर मंथन शुरू कर दिया. खुद केंद्रीय महिला और बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी ने इसको लेकर लगातार बैठकें कीं. अब तय हुआ है कि नए साल में नया अभियान देश के भविष्य से संबंधित होगा.  


हर बच्चे तक पहुंचना है मकसद


देश मे 14 करोड़ बच्चे 0 से 6 साल की उम्र के हैं. इसमें से 7.5 करोड़ बालक और बालिकाएं आंगनवाड़ी के संपर्क में हैं . सरकार की कोशिश है पहले इन तक इस अभियान के जरिये पहुंचा जाए. विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO के मानकों को ध्यान में रखकर बच्चों की हाइट और वेट (वजन) मापा जाएगा. शहर और ग्रामीण हर क्षेत्र में ये कैंपेन एक साथ चलेगा.


कैंपेन के जरिए अभिभावकों को ये सन्देश पहुंचे इसके लिए मीडिया के हर माध्यम का इस्तेमाल किया जाएगा. NGO की सहायता ली जाएगी. टीवी, डिजिटल हर तरह से उनको बताया जाएगा कि कैसे अपने बच्चों की ऊंचाई और वजन मापना है और कैसे उसे एक खास ऐप पर अपलोड करना होगा.


अभिभावक खुद दे सकते हैं डिटेल


बाल विकास मंत्रालय खासकर गरीब और ग्रामीण अभिभावकों तक पहुंचने के लिए इसको पूरी तरह से सरल बनाने की कोशिश में है. अभिभावकों को Poshan Tracker App डाउनलोड करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सीधे वेबसाइट के जरिए अपने फोन पर ही जा सकते हैं.


अभिभावक खुद अपने बालक या बालिका की हाइट और वजन अपलोड कर देंगे. ऐप के जरिए अभिभावक खुद ही अपने बच्चे की जानकारी दे देंगे कि उनका बच्चा कितना स्वस्थ है. एनिमेटेड वीडियो के जरिए लोगों को समझाया जाएगा कि कैसे ये सब करना है, किसके पास जाना है, किसकी मदद से करना है. 


नए साल में लॉन्च होगा नया अभियान


मंत्रालय के अनुसार हर बच्चे तक पहुंचना मकसद है. इसके लिए अभियान लॉन्च होने से पहले ही 4 या 5 जनवरी से कैंपेन शुरू कर दिया जाएगा. 10 से 12 दिन तक अभियान चलाया जाएगा. बड़ी संख्या में बच्चे स्वस्थ रहें, इस मकसद के साथ अभियान को पूरे देश में सेलिब्रेट किया जाएगा.