हमें आंतरिक सुरक्षा दुरुस्त करने के लिए पुलिस के आधुनिकीकरण की जरूरत है: अमित शाह
गृहमंत्री ने कहा कि जमाना बदल रहा है, हमारी चुनौतिया बदल रही हैं औऱ उसका सामना करने के लिये हमें पुलिस को आधुनिक बनाने की आवश्यकता है.
नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि पुलिस और कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है. जमाना बदल रहा है, हमारी चुनौतिया बदल रही हैं औऱ उसका सामना करने के लिये हमें पुलिस को आधुनिक बनाने की आवश्यकता है. वह पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के 49वें स्थापना दिवस के मौके पर नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे.
शाह ने कहा, "देश की आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए अब तक करीब 34 हजार से ज्यादा पुलिस के जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है, तब जाकर पुलिस की साख इतनी मजबूत हुई है. इसे आगे बढ़ाना जरूरी है. पुलिस सुधार एक बहुत लंबी और निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, चुनौतियां जैसे बदलेंगी, उसी के अनुसार हमें इसे आगे बढ़ाना पड़ेगा. मगर पुलिसिंग में रिफार्म एक बहुत बड़ा कांसेप्ट है, जिसे BPR&D को नए सिरे से डिज़ाइन करना पड़ेगा."
पाकिस्तान से अब सिर्फ PoK पर बात होगीः उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू
Live टीवी देखें:
गृहमंत्री ने कहा, "आरपीसी और आईपीसी के अंदर जरूरी परिवर्तन के लिए देशभर में एक कंसल्टिंग प्रक्रिया शुरू करने की जरूरत है. सबका सुझाव लेकर उसे गृह मंत्रालय में भेजा जाए, ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए. सीआरपीसी और आईपीसी में जरूरी बदलावों के लिए हमें आगे बढ़ने की जरूरत है. किसी केस में दोषियों को त्वरित सजा दिलाने के लिए फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को बढ़ावा देने की जरूरत है. इससे गुनहगारों को जल्द सजा दिलाने में हमें सफलता मिलेगी और इसके बाद गुनाह करने की मानसिकता में भी कमी आएगी."
अनुच्छेद 370: SC ने येचुरी से कहा- 'आप अपने दोस्त से मिलने कश्मीर जा सकते हैं, लेकिन...'
शाह ने कहा, "कोई भी सरकारी या गैर-सरकारी संस्था जब 50 साल तक निरंतर चलती है तो समझना चाहिए कि काम अच्छा हो रहा है. BPR&D ने 50 साल निरंतर तक चलते हुए अपनी प्रासंगिकता को बनाए रखा है. मैं हृदय से आप सभी को बधाई देता हूं."
शाह ने कहा, "मोदीजी 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी में देश को शामिल करना चाहते हैं, इसके लिए देश की सुरक्षा बहुत आवश्यक है. देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा को बनाए रखने की जरूरत है. जब तक हम इसके चैलेंजेस के सामने खड़े रहने का दमखम नहीं रखते, तब तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुंचना मुश्किल है."