बुर्का पहना, हेलमेट नहीं; अब अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही है महिला
Accident due to burqa: बुलंदशहर की रहने वाली एक महिला की इस कहानी में बहुत से सबक छिपे हैं. बुर्के को लेकर छिड़े विवाद के बीच सभी को सड़क पर चलते हुए इस बात पर भी जरूर गौर करना चाहिए.
नई दिल्ली: इन दिनों देश के कई हिस्सों में बुर्का पहनने को लेकर आंदोलन किया जा रहा है, इसी बीच एक ऐसी खबर सामने आई है जो कई महिलाओं को सबक दे सकती है. बुलंदशहर की 23 साल की सफीना, 6 हफ्ते की प्रेग्नेंट हैं और इस वक्त एम्स के ट्रॉमा सेंटर में जिंदगी और मौत से जूझ रही हैं. दरअसल, सफीना अपने पति के साथ बाइक राइड पर थीं, सफीना के पति बाइक चला रहे थे और सफीना पीछे बैठी थीं. लेकिन उन्होंने हेलमेट ना पहनकर बुर्का पहना हुआ था.
बाइक में फंस गया बुर्का
सड़क पर बाइक राइड के दौरान सफीना का बुर्का बाइक के टायर में फंस गया. बाइक तीन बार पलटी और उसके बाद फिसल गई. सफीना तेज रफ्तार बाइक से नीचे गिर पड़ीं. ये हादसा यूपी के बुलंदशहर के दरियापुर में देर रात हुआ था. हादसे के बाद घायल सफीना को शुरुआती इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें दिल्ली के लिए रेफर कर दिया गया.
एम्स के ट्रामा सेंटर में हैं सफीना
31 मार्च की रात सफीना और उनके पति दोनों को एम्स ट्रामा सेंटर लाया गया. उनके पति एकदम ठीक हैं. पति ने हेलमेट पहना था लेकिन सफीना ने हेलमेट नहीं पहना हुआ था. सफीना को सिर में गंभीर चोटें आई हैं. 1 अप्रैल को सफीना की ब्रेन की सर्जरी की गई है.
अब भी होश में नहीं सफीना
अभी भी सफीना को होश नहीं आया है. सफीना का इलाज कर रहे एम्स के न्यूरोसर्जन डॉ दीपक गुप्ता को उम्मीद है कि जल्द ही वो गंभीर हालात से बाहर आ जाएंगी, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है. डॉ गुप्ता के मुताबिक पिलियन राइडर यानी बाइक पर पीछे बैठीं महिलाएं अक्सर हेलमेट नहीं पहनतीं और ये मामला हेलमेट की अहमियत को साफ कर रहा है. महिला के पति सुरक्षित हैं लेकिन सफीना अब जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही हैं.
धर्म के नाम पर बुर्का जरूरी या जान?
इस हादसे ने एक बार फिर ये सवाल खड़ा कर दिया है कि धर्म के नाम पर बुर्का ज्यादा जरूरी है या जान बचाने के लिए हेलमेट ज्यादा जरूरी है. भारत में होने वाले कुल हादसों में से 43 प्रतिशत लोग टू व्हीलर सवार होते हैं. भारत में हर साल 50 हजार से ज्यादा लोग टू व्हीलर हादसों में मारे जाते हैं.
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ये हैं हेलमेट को लेकर नियम
बाइक पर पीछे बैठे व्यक्ति के लिए हेलमेट लगाना अनिवार्य है. फरवरी 2022 से बाइक पर 9 महीने से चार साल तक के बच्चों को बैठाने के नियम भी बदल दिए गए हैं. नए नियमों के अनुसार चार साल तक के बच्चे को पीछे की सीट पर बैठाने पर मोटर साइकिल की गति 40 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं होगी. चार साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सुरक्षा बेल्ट या हार्नेस का इस्तेमाल उन्हें मोटर साइकिल के चालक के साथ 'जोड़ने' के लिए किया जाएगा.
इतना है जुर्माना
यूपी में भी पिलियन राइडर के लिए हेलमेट लगाना अनिवार्य है. नियम का उल्लंघन करने पर 500 से 3 हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान भी है. लेकिन हकीकत ये है कि ज्यादातर बाइक सवार इस नियम का पालन नहीं करते.
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