Fake Currency in India After Demonetisation: जाली करेंसी तैयार करने वाली युवती समेत तीन लोगों को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उनको ये आइडिया फिल्म 'फर्जी' से आया. इन तीनों ने कलर प्रिंटर से नकली नोट बनाए. शक न हो इसलिए, ये लोग मासूम बच्चों से बाजार में ये नोट चलवाते थे. ये उनसे 20 से 30 रुपये का सामान मंगवाते और खाने को देते थे. सेक्टर 63 पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान शर गून, धीरज और कोमल उर्फ प्रिया यादव के तौर पर हुई है. ये लोग अब तक नकली करेंसी के करीब 15 हजार रुपये चला चुके हैं. 


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इन तीनों ने फिल्म देखने के बाद यू-ट्यूब से जाली नोट बनाने के तरीके सीखे. इसके बाद गूगल से कई ऐसे सॉफ्टवेयर डाउनलोड किए, जिससे ये नोट बना सकें. 500 और 2000 के नोट बनाने में हर बार गलती हो रही थी. इसलिए 100 और 200 के नोट बनाए, जिसे चलाना भी आसान था. पुलिस को इनके कब्जे से 100-100 के तैयार 327 नकली नोट ( 32700 रुपये) और 200-200 के तैयार 107 नकली नोट (21400 रुपये) मिले हैं.


शौक और खर्चों ने बनाया अपराधी


तीनों के शौक और खर्च बहुत ज्यादा थे. पैसा कहीं से नहीं मिल रहा था. इन तीनों ने करीब 3 महीने पहले एक कलर प्रिंटर खरीदा था. वह सीखने के दौरान खराब हो गया. इसके बाद दोबारा फिर शिप्रा मॉल से कलर प्रिंटर खरीदा. लेकिन उससे पहले साइबर कैफे में जाकर काम किया, ताकि उसको ऑपरेट करना सीख सकें. ये लोग 100-200 के नोटों के प्रिंट कलर प्रिंटर से निकालते थे. इसके लिए सफेद कागज ए4 साइज पेपर का इस्तेमाल करते थे. 


पहले एक तरफ से फिर दूसरी तरफ से प्रिंट निकालकर फेविकॉल से दोनों को चिपका कर व कटर से काटकर नोट तैयार करते थे. इसके अलावा एक पेपर थोड़ा मोटा इस्तेमाल करते थे जिसमें नोट चिपकाने की जरूरत नहीं होती थी.


बना रहे  थे ये खतरनाक प्लान


पूछताछ में बताया कि ये कोमल के जरिए राह चलते लोगों की गाड़ी को रुकवाकर किसी न किसी बहाने से उसमें सवार ड्राइवर को क्लोरोफॉर्म सुंघाकर उनसे माल लूटने की योजना भी बना रहे थे. इसी इरादे से कुछ लोगों को भी टारगेट किया हुआ था. 500 व 2000 के जाली नोट छापने की योजना भी बनाई थी.


(इनपुट-IANS)