West Bengal Governor Sexual Harassment Case: पश्चिम बंगाल में ममता सरकार और राज्यपाल की लड़ाई नए लेवल तक पहुंच गई है. इस मामले में नया मोड़ तब आया, जब कुछ दिन पहले राजभवन के भीतर एक महिला ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर गलत तरीके से छूने के इल्ज़ाम लगाए. जिसके बाद राजभवन और बंगाल पुलिस आमने-सामने आ गई है. पश्चिम बंगाल में राज्यपाल पर यौन शोषण के आरोप लगे हैं. आरोप झूठे हैं या सच्चे इसका फैसला सबूतों से ही होगा. लेकिन आज राजभवन ने 1 घंटे के सीसीटीवी फुटेज सामने तो रखे. हालांकि पुलिस के बजाय आम लोगों के सामने. इसके पीछे की क्या वजह है और इस कदम के पीछे की राजनीति क्या है आइए समझते हैं. 


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राजभवन ने जारी कर दी फुटेज


पश्चिम बंगाल का राजभवन महिला उत्पीड़न के कथित मामले के कारण सुर्खियों में है. राजभवन की ओर से जारी फुटेज में पश्चिम बंगाल के राजभवन प्रशासन और बंगाल पुलिस में ठनी हुई है. उस फुटेज में राज्यपाल के खिलाफ़ शिकायत करने वाली महिला भी नज़र आ रही है.


राजभवन ने आज करीब सवा घंटे की सीसीटीवी फुटेज जारी की. ये फुटेज 2 मई शाम करीब साढ़े 5 बजे का है.. फुटेज में राजभवन के मेन गेट में लगे कैमरे की रिकॉर्डिंग है. राजजभवन की तरफ से 100 लोगों को ये सीसीटीवी फुटेज देखने की इजाज़त दी गई थी. मगर सिर्फ दो टीचर ही गवर्नर हाउस पहुंचे. जिनमें से एक तो बिना पूरी फुटेज देखे ही लौट गए. 


उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला भी दिखी


पश्चिम बंगाल के राज्यपाल द्वारा आज एक करीब सवा एक घंटे का सीसीटीवी फुटेज रिलीज किया गया. फुटेज 2 मई शाम करीब साढ़े पांच बजे का है. राज भवन के मैन गेट यानी नॉर्थ गेट में लगा दो सीसीटीवी कैमरा का फुटेज दिखाया गया. जिसमे देखा जा रहा है, जो महिला राज्यपाल के खिलाफ यौन उत्पीडन का शिकायत दर्ज कराई है वो चल कर राजभवन पुलिस आउटपोस्ट के ऑफिसर इन चार्ज के दफ्तर में जा रही है. 
 
राजभवन प्रशासन ये फुटेज आम लोगों को दिखाने के लिए तैयार थी. मगर सीएम ममता बनर्जी और उनकी पुलिस को नहीं. यही बात बंगाल पुलिस या कहें ममता सरकार को बर्दाश्त नहीं हो रही है. 


राजभवन के अस्थाई कर्मी ने की थी शिकायत


आपको बता दें कि ये पूरा मामला क्या है... दरअसल 2 मई को राज्यपाल के खिलाफ़ शिकायत दर्ज कराई गई थी. ये शिकायत राजभवन के एक अस्थाई कर्मी ने ही कराई थी. महिला ने राज्यपाल के खिलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए. बंगाल पुलिस ने जांच के लिए राजभवन की CCTV फुटेज मांगी
लेकिन राजभवन ने धारा 361 का हवाला देते हुए फुटेज देने से इनकार किया. 


आखिर कहां तक जाएगी राज्यपाल वर्सेज पुलिस की जंग


हालांकि बंगाल पुलिस की तरफ से कहा गया कि वो किसी के खिलाफ़ नहीं बल्कि एक शिकायत के तहत जांच कर रहे हैं. मगर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने बंगाल पुलिस की कोई दलील नहीं सुनी और आरोपों का सच सामने लाने के लिए सीसीटीवी फुटेज को पब्लिक के सामने पेश कर दिया. अब देखना होगा कि सीसीटीवी में कैद सबूत से कितनी हकीकत सामने आती है और पुलिस Vs राजभवन की जंग कहां तक जाती है.


(रिपोर्ट सुदीप्तो सेन)