Jahangirpuri Demolition case in SC: मंगलवार देर रात खबर आई कि दिल्ली नगर निगम बुधवार सुबह जहांगीरपुरी इलाके अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी. लेकिन बुधवार सुबह जब कार्रवाई हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी. ऐसे में आइए जानें कि बुलडोजर एक्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में पूरे दिन क्या-क्या हुआ?


सुबह ही कोर्ट में उठा ये मुद्दा


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बुधवार सुबह जैसे ही चीफ जस्टिस एन वी रमना (N. V. Ramana) की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई के लिए बैठी, वरिष्ठ वकील दुष्यन्त दवे ने जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण हटाने के लिए हो रही कार्रवाई का मामला उनके सामने रखा. दवे ने कहा कि जहांगीरपुरी इलाके में जहां दंगे हुए है, वहां डेमोलिशन (Demolition) चल रहा है. ये कार्रवाई पूरी तरह से असंवैधानिक है. इस मामले में कोई नोटिस नहीं दिया गया. डिमोलिशन 2 बजे होना था लेकिन ये पता चलने पर कि हम इसे कोर्ट खुलते ही CJI के सामने रखने जा रहे हैं, उन्होंने 9 बजे ही कार्रवाई शुरू कर दी.


कपिल सिब्बल ने उठाया मामला


इसके बाद कपिल सिब्बल ने जमीयत उलेमा ए हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) की मूल याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की. कई दिन पहले दायर इस याचिका में देश के विभिन्न राज्यों में हिंसा के आरोपियों के घरों और दुकानों को बुलडोजर से गिराने की कार्रवाई पर रोक की मांग की गई थी. इस मूल याचिका में केंद्र सरकार के साथ उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और गुजरात को पार्टी बनाया गया है.


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अगले दिन के लिए टली सिब्बल की सुनवाई


सिब्बल ने CJI  से कहा, उनकी याचिका देश भर में हो रहे बुलडोजर एक्शन को लेकर है. इस पर भी जल्द सुनवाई की जरूरत है. इस पर भी चीफ जस्टिस ने कहा कि हम कल (गुरुवार) सुनवाई करेगे. दुष्यंत दवे ने दोबारा चीफ जस्टिस के सामने मामला रखा. दिन में करीब 12:15 बजे एक बार फिर दुष्यन्त दवे ने चीफ जस्टिस के सामने मामला उठाया. 


कोर्ट के आदेश के बावजूद भी नहीं रुका बुलडोजर


उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के यथास्थिति बनाए रखने के आदेश के बावजूद जहांगीरपुरी में अभी भी MCD की कार्रवाई चल रही है. एक बार जब कोर्ट का आदेश मीडिया के जरिए सार्वजनिक हो चुका है, सारी दुनिया को पता चल चुका है. तब भी वहां बुलडोजर का न रुकना बहुत गलत संदेश देता है. मैं बहुत दुखी महसूस कर रहा हूं. कोर्ट के आदेश के बावजूद वहां कार्रवाई न रुकना बहुत गलत है.


CJI ने रजिस्ट्री को मेयर और CP को सूचित करने को कहा


इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हम अभी रजिस्ट्री के जरिए यथास्थिति बनाए रखने को लेकर संबंधित ऑथोरिटी को अवगत कराएंगे. CJI ने कोर्ट स्टाफ से कहा कि वो दुष्यंत दवे से नॉर्थ दिल्ली MCD मेयर, कमिश्नर और दिल्ली पुलिस कमिश्नर के नंबर ले. CJI ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वो डेमोलिशन रोकने के कोर्ट के आदेश के बारे में तुरंत Noth Delhi MCD मेयर, कमिश्नर और पुलिस कमिश्नर को सूचित करें.



दिल्ली हाई कोर्ट में भी उठा मुद्दा


जहांगीरपुरी में चल रही कार्रवाई का मामला दिल्ली हाई कोर्ट में भी आया. हाई कोर्ट के वकील शाहरुख आलम और अजित पुजारी ने कोर्ट के दखल की मांग की. जस्टिस विपिन सांघी ने पहले आज (बुधवार) ही सुनवाई  करने की बात कही और NDMC की ओर से पेश ASG चेतन शर्मा से कहा कि वो निर्देश लेकर लंच के बाद कोर्ट को अवगत कराएं.


हाई कोर्ट ने मामले में दखल देने से किया इनकार


1:15 के आसपास वकील शाहरुख आलम ने दिल्ली हाई कोर्ट को जानकारी दी कि आज ये मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने भी रखा गया था, उन्होंने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. इस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा, अगर मामला पहले ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है तो हमारी सुनवाई की जरूरत नहीं है. हम इस मामले में दखल नहीं देंगे.


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