Maharashtra Politics: पिछले दिनों मुंबई में राज ठाकरे के भतीजे की शादी में पूरा ठाकरे परिवार एक साथ दिखा. एक ही वक्‍त पर उद्धव और राज ठाकरे की एक साथ मौजूदगी चर्चा का विषय बन गई. ऐसा इसलिए भी क्‍योंकि हालिया महाराष्‍ट्र चुनाव में उद्धव ठाकरे की शिवसेना का प्रदर्शन जहां कमजोर रहा वहीं राज की पार्टी मनसे का खाता भी नहीं खुला. उसके बाद से ही बाला साहेब के समर्थकों की तरफ से महाराष्‍ट्र की सियासत में फिर से ठाकरे परिवार के एकजुट होने की दबे स्‍वरों में मांग उठ रही है. दादर में आयोजित शादी समारोह में राज ठाकरे और उद्धव अपने परिवार के सदस्यों के साथ मौजूद थे. कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे के बड़े भाई जयदेव ठाकरे की पूर्व पत्नी स्मिता ठाकरे भी मौजूद थीं. पिछले सप्ताह राज ठाकरे, उद्धव की पत्‍नी रश्मि ठाकरे के भाई श्रीधर पाटनकर के बेटे की शादी में भी शामिल हुए थे. हालांकि उद्धव ठाकरे के आने से पहले ही वह चले गए थे. राज ठाकरे ने 2005 में अविभाजित शिवसेना छोड़ दी थी और 2006 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन किया.


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इन कयासों पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि चचेरे भाई उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच राजनीतिक मेल मिलाप पर कुछ कहना ‘‘जल्दबाजी’’ होगी.  राउत ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘पारिवारिक कार्यक्रमों में उद्धव और राज ठाकरे की मुलाकातों को राजनीतिक नजरिये से देखना जल्दबाजी होगी.’’ उन्‍होंने कहा ‘‘महाराष्ट्र का ठाकरे परिवार से गहरा लगाव है. अगर उद्धव और राज एक साथ आते हैं, तो महाराष्ट्र खुश होगा. हालांकि, राज ठाकरे एक अलग पार्टी का नेतृत्व करते हैं. उनके रोल मॉडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और देवेंद्र फडणवीस हैं. हमारे लिए वे महाराष्ट्र के दुश्मन हैं.’’


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राज-उद्धव के बीच राजनीतिक सुलह की अटकलों को खारिज करते हुए राउत ने कहा कि उद्धव और राज, ठाकरे परिवार के सदस्य हैं. राउत ने कहा, ‘‘(एनसीपी प्रमुख) अजित पवार भी अपने चाचा शरद पवार से मिलते हैं. रोहित पवार (एनसीपी-एसपी विधायक) भी अपने चाचा अजित पवार से मिलते हैं. पंकजा मुंडे और उनके चचेरे भाई धनंजय मुंडे अलग-अलग पार्टियों के सदस्य हैं, लेकिन वे मुंडे परिवार के सदस्य हैं. पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के बेटे अलग-अलग पार्टियों में हैं.’’ पिछले साल अजित पवार की बगावत के बाद शरद पवार द्वारा स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) विभाजित हो गई.


पिछले महीने महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनावों में विपक्षी ‘महा विकास अघाड़ी’ के घटक शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीट जीतीं जबकि मनसे को एक भी सीट नहीं मिली.


(इनपुट: एजेंसी भाषा के साथ)