Amoebic meningoencephalitis case Kerala:  केरल के मलप्पुरम जिले में अमीबा के कारण पांच वर्षीय एक बच्चा के दुर्लभ मस्तिष्क संक्रमण से पीड़ित होने का मामला सामने आया है. सूबे की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया कि ‘अमीबिक मेनिंगो इन्सेफलाइटिस’ से संक्रमित बच्चे को कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है और उसे हर संभव चिकित्सा देखभाल प्रदान की जाएगी. बच्चा मलप्पुरम की मुन्नियूर पंचायत का निवासी है.


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क्वारंटीन की गई फैमिली


उन्होंने कहा कि बच्चे के परिवार के अन्य सदस्य भी चिकित्सकों की निगरानी में हैं. जॉर्ज ने कहा कि इस दुर्लभ संक्रमण के उपचार के लिए कोई खास दवा नहीं है. मंत्री ने कहा कि बच्चा और परिवार के अन्य सदस्यों ने एक मई को घर के पास के तालाब में स्नान किया था और 10 मई को बच्चे को बुखार, सिरदर्द और उल्टी होने लगी. जॉर्ज ने कहा कि 12 मई को कोझिकोड सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराने से पहले बच्चा को निजी अस्पतालों में ले जाया गया था.


फटाफट जानिए इसके लक्षण


इससे पहले, इस तरह के संक्रमण के मामले राज्य के तटीय अलप्पुझा जिले में 2023 और 2017 में भी सामने आए थे. मेडिकल एक्सपर्ट्स और डॉक्टरों ने कहा कि मनुष्य का मस्तिष्क तब संक्रमित होता है जब अमीबा बैक्टीरिया नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं. डॉक्टरों ने लोगों को गंदे पानी से नहाने से बचने की सलाह दी है. इस बीमारी के मुख्य लक्षण बुखार, सिरदर्द, उल्टी और चक्कर आना हैं.


केरल में जब पहली बार ये मामला सामने आया था. तब दुर्लभ मस्तिष्क संक्रमण यानी प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस को देखते हुए केरल सरकार ने लोगों को सलाह दी थी कि वो दूषित पानी से नहाने से बचें.


जानलेवा है बीमारी?


जुलाई 2023 में जब इसी बीमारी से एक किशोर की मौत हो गई थी. तब राज्य की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि अब तक इस मर्ज से जो भी पीड़ित हुआ उसकी जान नहीं बचाई जा सकी.


डॉक्टर की सलाह


डॉक्टरों ने कहा कि जब मुक्त-जीवित, गैर-परजीवी अमीबा बैक्टीरिया नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं तो इंसान का दिमाग संक्रमित हो जाता है. यह एक गंभीर बीमारी है. ऐसे में लोगों को दूषित पानी से नहाने से बचने के साथ खाना बनाने और पीने के लिए भी साफ पानी का इस्तेमाल करना चाहिए.