Uttarakhand char dham yatra road project: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा मार्ग प्रोजेक्ट (Future of Silkyara tunnel project) के तहत यमुनोत्री मार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग की साइट पर सन्नाटा पसरा है. रेस्क्यू अभियान में एक भी जान का नुकसान नहीं हुआ. इस खबर ने करोड़ों हिंदुस्तानियों के दिल को बड़ा सुकून पहुंचाया था. हालांकि इस टनल का काम पहले ही देरी से चल रहा था. इसे बीती जुलाई में पूरा हो जाना था, लेकिन टनल के आर-पार होने में अब भी करीब 400 मीटर की दूरी बाकी है. इस बीच 12 नवंबर को हुए हादसे ने सरकार और प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों का सिरदर्द बढ़ा दिया. ऐसे में सब की निगाहें बस इस बात पर लगी हैं कि आखिर इस टनल का अब क्या होगा?


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'वो बात जिसे सब जानना चाहते हैं'


 


सुरंग के अंदर मलबा धंसा है. जगह-जगह तमाम सामान बिखरा है. काम बंद पड़ा है. सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक अब इस सुरंग का भविष्य उच्च स्तरीय जांच दल की रिपोर्ट पर निर्भर हो गया है. यानी केंद्र से हाई लेवल एक्सपर्ट पैनल की रिपोर्ट आने के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा.


जानकारी के मुताबिक सुरंग के अंदर करीब 55 मीटर मलबा जमा है, जिसे साफ करना बड़ी चुनौती बना हुआ है. वहीं दूसरी एक नई समस्या ये है कि सुरंग के ऊपर से अब तक 36 मीटर से अधिक वर्टिकल ड्रिल हो चुका है. इस कारण इस छेद का अब क्या किया जाएगा? ये सवाल भी अपनी जगह बना हुआ है. सीएम धामी कह चुके हैं कि सूबे में सभी निर्माणाधीन सुरंगों की समीक्षा की जाएगी. जहां तक सिलक्यारा सुरंग का मामला है तो इस पर जांच के बाद ही निर्णय हो पाएगा. इस पर केंद्र सरकार को आखिरी फैसला लेना है.


टनल के आस-पास पसरा सन्नाटा


उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग से 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाले जाने के एक दिन बाद बुधवार को घटनास्थल पूरी तरह से वीरान नजर आया. बड़े पैमाने पर चलाए गए बचाव अभियान के दौरान बंद किए गए सुरंग के आसपास के रास्तों को बुधवार को खोल दिया गया. सुरंग पर पुलिसकर्मियों की एक टीम भी तैनात की गई थी. एक पुलिसकर्मी ने कहा, ‘सुरंग का निर्माण कार्य कुछ दिनों तक बंद रहेगा.’ सूत्रों ने बताया कि काम को रोक दिया गया है तथा श्रमिकों को दो दिन का आराम दिया गया है. नाम न छापने की शर्त पर एक श्रमिक ने कहा कि उसे दो दिन तक आराम करने के लिए कहा गया है, जिसके बाद ठेकेदार द्वारा उसे जानकारी दी जाएगी. वहीं एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा ऑडिट होने तक काम बंद रहेगा. 


‘हम खुश हैं हमारे भाई सुरक्षित बाहर आ गए'


बचाव दल के सदस्यों को बुधवार सुबह से ही अपनी मशीनें पैक करते देखा गया. इन मशीनों को बचाव अभियान के दौरान मदद के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से लाया गया था. मशीन से लदे एक ट्रक के चालक ने बताया, ‘हम खुश हैं कि हमारे भाई सुरक्षित बाहर आ गए हैं. यह काफी है.‘ उसने बताया कि वह इस मशीन को ऋषिकेश से लेकर आया था. उत्तराखंड सरकार के सचिव, नीरज खैरवाल ने बताया कि मंगलवार शाम को क्षैतिज खुदाई में सफलता मिलने के तुरंत बाद ऊर्ध्वाधर खुदाई रोक दी गई थी. केंद्र और राज्य सरकारों की कई एजेंसियों द्वारा लगभग 17 दिनों तक चलाए गए बचाव अभियान के बाद मंगलवार को 41 श्रमिकों को सुरंग से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.


(एजेंसी इनपुट के साथ)