DNA with Sudhir Chaudhary: कांग्रेस से कपिल सिब्बल के इस्तीफे के मायने क्या हैं?
DNA with Sudhir Chaudhary: कपिल सिब्बल कांग्रेस पार्टी के उन चुनिंदा नेताओं में से एक थे, जो कभी गांधी परिवार के प्रभाव में नहीं आए. उन्होंने हमेशा से अपनी अलग पहचान बना कर रखी.
DNA with Sudhir Chaudhary: कांग्रेस को अब नई चिंता सता रही है. पिछले पांच महीनों में कांग्रेस के पांच बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं. सबसे पहले UPA सरकार में मंत्री रहे आर.पी.एन. सिंह ने कांग्रेस छोड़ी. इसके बाद अश्विनी कुमार, सुनील जाखड़ और फिर हार्दिक पटेल ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. अब कपिल सिब्बल भी कांग्रेस से अलग हो गए हैं. वो 31 वर्षों से कांग्रेस में थे. उनके लिए ये कहा जाता था कि वो कांग्रेस को कभी छोड़ ही नहीं सकते.
सिब्बल की प्रतिभा को समझ नहीं पाई कांग्रेस
असल में कांग्रेस पार्टी कपिल सिब्बल की प्रतिभा और उनकी क्षमताओं को कभी समझ ही नहीं पाई. कपिल सिब्बल इस देश के सिर्फ एक नेता नहीं हैं, बल्कि वो हमारे देश के एक बड़े वकील भी हैं. केन्द्रीय राजनीति में उनके पास काफी लम्बा चौड़ा अनुभव है. उन्होंने UPA सरकार में कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी सम्भाली है. वो शिक्षा मंत्री रहे, कानून मंत्री रहे, सूचना मंत्री रहे और उन्होंने Science and Technology Ministry की जिम्मेदारी भी सम्भाली.
चुनिंदा नेताओं में से एक
कपिल सिब्बल कांग्रेस पार्टी के उन चुनिंदा नेताओं में से एक थे, जो कभी गांधी परिवार के प्रभाव में नहीं आए. उन्होंने हमेशा से अपनी अलग पहचान बना कर रखी. बाकी नेताओं की तरह उनमें हीन भावना नहीं थी. वो कभी दरबारी नेता भी नहीं बने. दो महीने पहले ही उन्होंने पार्टी संगठन में बड़े बदलाव की मांग की थी और सोनिया गांधी को अध्यक्ष पद छोड़ने के लिए कहा था. लेकिन आज उन्हें ही कांग्रेस छोड़नी पड़ गई.
G-23 ग्रुप कमजोर पड़ जाएगा
अब कपिल सिब्बल के कांग्रेस छोड़ने से कांग्रेस में G-23 यानी ग्रुप-23 कमजोर पड़ जाएगा. ये ग्रुप कांग्रेस में लगातार गांधी परिवार को चुनौती दे रहा था. लेकिन अब शायद ऐसा ना हो. जिस समय कांग्रेस पार्टी चिंताओं से घिरी हुई है और एक एक करके सभी बड़े नेता पार्टी छोड़ रहे हैं, तब राहुल गांधी विदेश में हैं. वो विदेश में क्या कर रहे हैं, इससे जुड़ा एक वीडियो 24 मई को सामने आया था. जब राहुल गांधी London की Cambridge University के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इस दौरान वहां मौजूद भारतीय मूल की एक प्रोफेसर ने उनसे ये पूछ लिया कि वो भारतीय समाज में हिंसा और अहिंसा के बीच की परिकल्पना को किस तरह देखते हैं? लेकिन इस सवाल का राहुल गांधी कोई जवाब नहीं दे पाए. काफी देर तक चुप रहने के बाद वो बोले जरूर लेकिन उनके पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं था.
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