Jammu Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही सियासी दलों ने जीत के लिए कमर कसना शुरू कर दी है. राहुल गांधी, BJP को कमजोर करने की योजना बना रहे हैं. इस कड़ी में वे बुधवार को जम्मू-कश्मीर के दो दिन के दौरे पर होंगे. हुल गांधी का जम्मू-कश्मीर का दौरा आगामी विधानसभा चुनावों से पहले एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है.


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गठबंधन के तरीकों पर मंथन


उनका लक्ष्य क्षेत्रीय दलों, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), के साथ गठबंधन को मजबूत करना है ताकि बीजेपी को सत्ता से बाहर रखा जा सके. इृस दौरे के दौरान, गांधी एनसी के नेतृत्व के साथ गठबंधन के तरीकों, विशेषकर सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर चर्चा करेंगे. हालांकि एनसी और पीडीपी के बीच ऐतिहासिक रूप से मतभेद रहे हैं. 


राहुल गांधी की कोशिश


गांधी का प्रयास होगा कि इन दलों के बीच समझौता कर एक मजबूत गठबंधन तैयार किया जाए. उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस के साथ चल रही बातचीत की पुष्टि की है, लेकिन पीडीपी के साथ गठबंधन पर जोर नहीं दिया. दूसरी ओर, पीडीपी भी कांग्रेस के साथ संभावित गठबंधन पर विचार कर रही है.


राहुल के दौरे पर सबकी नजर


कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष तारिक हामिद क़रा ने बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने के लिए सभी समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन करने की पार्टी की इच्छा को दोहराया है. राहुल गांधी का यह दौरा इस संदर्भ में बेहद महत्वपूर्ण है, और सभी की नजरें इस पर होंगी कि क्या वह इन प्रतिद्वंद्वी दलों को एकजुट कर पाते हैं.


सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर हो सकती है चर्चा


जम्मू और श्रीनगर की अपनी यात्रा के दौरान, गांधी सीट-बंटवारे के फॉर्मूले सहित गठबंधन के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए एनसी नेतृत्व के साथ चर्चा करेंगे. अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, जबकि चुनाव-पूर्व गठबंधन लगभग तय हो चुका है. गांधी का लक्ष्य एनसी और पीडीपी के बीच लंबे समय से चली आ रही दरार को दूर करना है.


उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा


इस बीच उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस हमें किसी और के साथ गठबंधन करने के लिए दबाव नहीं डाल सकती. अगर वे पीडीपी के साथ बातचीत करना चाहते हैं, तो यह उनका मामला है. पीडीपी प्रवक्ता इकबाल तरम्बू ने कहा कि उनकी पार्टी संभावित गठबंधन के लिए कांग्रेस के साथ भी बातचीत कर रही है. 


लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को दो सीटों पर जीत


बता दें कि लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने कश्मीर घाटी में तीन में से दो संसदीय सीटें हासिल कीं. जबकि पीडीपी एक भी सीट जीतने में विफल रही. आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक परिदृश्य बदलने के साथ, कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने खुलासा किया कि मुख्य विपक्षी ब्लॉक भाजपा और उसके सहयोगियों के खिलाफ एकजुट मोर्चा खड़ा करने के लिए उत्सुक है.