Congress Attacks NDA Government: सियालदह जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस (13174) को पीछे से मालगाड़ी की टक्कर लगने से उसके तीन डिब्बे बेपटरी हो गए. इस हादसे में कम से कम आठ यात्रियों की मौत हो गई और करीब 30 लोग घायल हो गए हैं. रेलवे की टीम बिहार-बंगाल की सीमा पर रंगा पानी और निजबाड़ी के पास हुए रेल हादसे की जांच में जुट गई है. बुरी तरह क्षतिग्रस्त तीन बोगियों के अंदर रेलवे की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में भी जुटी है. 


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रेल हादसे पर सियासत तेज, कांग्रेस का मोदी सरकार पर निशाना


दूसरी ओर, रेल हादसे को लेकर सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस ने मोदी सरकार और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पर लगातार हमले  शुरू कर दिए हैं. कांग्रेस ने एक्स पर लिखा कि पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में हुआ रेल हादसा मोदी सरकार की लापरवाही का सबूत है. एक तरफ देश में रेल हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे, वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्री सारी जिम्मेदारियों से दूर रेलवे के खोखले PR और रील बनाने में व्यस्त हैं. हालांकि, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस रेल हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. 


रेल मंत्री वैष्णव पर हमले के लिए कांग्रेस ने दी नीतीश कुमार की दुहाई 


इसके अलावा, एक्स केरल कांग्रेस के अकाउंट से पोस्ट किया गया, 'देश जानता है कि रील मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव न तो इस्तीफा देंगे और न ही जवाबदेही की मांग पर कोई प्रतिक्रिया देंगे. जबकि एनडीए गठबंधन के प्रमुख सहयोगी नीतीश कुमार ने एक बार दुर्घटना के कारण इस्तीफा दे दिया था. वहीं, वैष्णव को उनके पिछले कार्यकाल के दौरान रिकॉर्ड संख्या में दुर्घटनाओं के लिए पुरस्कृत किया गया था.



जब ट्रेन एक्सीडेंट के कारण रेल मंत्री नीतीश कुमार ने दिया था इस्तीफा


बिहार-पश्चिम बंगाल सीमा पर गैसाल रेलवे स्टेशन के पास दो अगस्त 1999 को ब्रह्मपुत्र मेल और अवध आसाम एक्सप्रेस के बीच सीधी टक्कर हो गई थी. एक ही लाइन पर आ गई दोनों ट्रेन के टकराने से करीब 290 लोगों की मौत हुई थी. तकनीकी कारणों और खामियों के चलते हुए भीषण रेल हादसे के बाद तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार मौके पर पहुंचे थे. भयावह रेल हादसे देख कर नैतिकता के आधार उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.


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लाल बहादुर शास्त्री ने दिया था इस्तीफा, ममता बनर्जी-सुरेश प्रभु ने भी फॉलो किया


वाजपेयी सरकार में रेल मंत्री रहीं ममता बनर्जी ने भी साल 2000 में दो रेल हादसों के बाद इस्तीफे दे दिया था. हालांकि, प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनका इस्तीफी स्वीकार नहीं किया था. मोदी सरकार में रेल मंत्री सुरेश प्रभू ने साल 2017 में दो ट्रेन एक्सीडेंट के बाद इस्तीफा दे दिया था. सबसे पहले नवंबर 1956 में तत्कालीन रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने तमिलनाडु में अरियालुररेल हादसे के बाद नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया था. 


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