जब मुंबई हमले के बीच ताज होटल पहुंच गए थे रतन टाटा, इसके बाद जो किया वो मिसाल बन गया
Ratan tata News: रतन टाटा ने इस हमले में मारे गए लोगों के परिजनों और घायल हुए लोगों की दिल खोलकर मदद की. वे खुद होटल के 80 कर्मचारियों के परिवारों से मिले, घायलों से अस्पताल में मिले. महज 20 दिनों के भीतर इसके लिए टाटा की तरफ से एक नया ट्रस्ट बनाया गया.
Ratan Tata Death: टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का निधन हो गया है. बुधवार को उन्होंने 86 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. उन्होंने नमक लेकर एयरलाइंस तक में भारत को आत्मनिर्भर बनाया. समाज के प्रति जिम्मेदारी का भाव बीच उनके अंदर कूट-कूट कर भरा था. अपने विनम्र स्वभाव के लिए मशहूर रहे रतन टाटा की कई कहानियां लोग याद कर रहे हैं. उन्होंने मुंबई हमले के बाद भी कुछ ऐसा ही किया था जब हमले के बीच ताज होटल पहुंच गए थे. वहां पहुंचकर उन्होंने जो किया वो इतिहास में अमर हो गया.
जैसे ही रतन टाटा को यह खबर मिली..
असल में कुछ साल पहले एक इंटरव्यू में रतन टाटा ने खुद यह बात बताई थी. मुंबई के ताज होटल का मालिकाना हक टाटा के पास ही है. जब पाकिस्तान के आतंकियों ने ताज होटल पर हमला किया तो जैसे ही रतन टाटा को यह खबर मिली वे कुछ ही देर में वहां पहुंच गए, उन्हें सुरक्षा कारणों से रोका भी गया लेकिन उन्होंने जो ठान लिया था वो किया.
एक नया ट्रस्ट बनाया गया
रतन टाटा ने इस हमले में मारे गए लोगों के परिजनों और घायल हुए लोगों की दिल खोलकर मदद की. वे खुद होटल के 80 कर्मचारियों के परिवारों से मिले, घायलों से अस्पताल में मिले. जो परिजन मुंबई से बाहर थे उन्हें बुलवाया और एक अन्य होटल में रखा. महज 20 दिनों के भीतर टाटा की तरफ से एक नया ट्रस्ट बनाया गया जिसका मकसद सिर्फ इस हमले से प्रभावित हुए कर्मचारियों को राहत पहुंचाना था.
जो किया वो मिसाल बन गया
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रतन टाटा ने इस आतंकी हमले के पीड़ितों बच्चों की पढ़ाई-लिखाई करवाई. मृतक कर्मचारियों के घर वालों के लिए मुआवजा दिया. सिर्फ ताज होटल के कर्मचारियों की नहीं बल्कि वहां मौजूद रहे रेलवे कर्मचारियों, पुलिस स्टाफ को भी मदद दी गई. इसी हमले से जुडी एक और कहानी यह भी है कि ताज होटल के पास एक फेरीवाले की 4 साल की पोती को गोली लग गई थी, उसका इलाज भी टाटा ने ही कराया था और वह बच्ची स्वस्थ हो गई.