Delhi Garbage Mountain: दिल्ली नगर निगम दिल्ली की तीनों लैंडफिल साइटों पर जमा लेगेसी कचरे के निस्तारण के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है. निगम इस दिशा में लगातार कार्य कर रहा है. दिल्ली नगर निगम ने तीनों लैंडफिल साइटों पर जमा लेगेसी कचरे के निस्तारण के लिए 44 ट्रॉमल मशीन स्थापित की हैं, जिनकी कुल क्षमता लगभग रोजाना 20000 से 22000 मीट्रिक टन कचरा करने की है. 


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दिल्ली नगर निगम ने अबतक 77 लाख मीट्रिक टन लेगेसी कचरे का निस्तारण किया है, जिसके फलस्वरूप ओखला लैंडफिल साइट पर कचरे के ढेर की ऊंचाई 15 मीटर तक कम कर दी गई है. भलस्वा लैंडफिल साइट पर 11 मीटर ऊंचे एक ढेर को पूरी तरह निस्तारित कर दिया गया है और 12 मीटर ऊंचे दूसरे ढेर को निस्तारित करने का कार्य प्रक्रियाधीन है. इसके साथ ही गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कुछ स्थानों पर कचरे के ढेर की ऊंचाई 12 से 18 मीटर तक कम कर दी गई है. भलस्वा और ओखला लैंडफिल साइट को दिसंबर 2023 तक पूरी तरह समतल कर दिया जाएगा. वहीं गाजीपुर लैंडफिल साइट को मार्च 2024 तक समतल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.


दिल्ली में रोजाना 11000 मीट्रिक टन कचरा उत्पन्न होता है. दिल्ली नगर निगम के पास इसमें से 8213 मीट्रिक टन कचरे को निस्तारण करने की क्षमता है जोकि प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले कचरे का 75 % है. निगम 557 टन कचरा प्रतिदिन कम्पोस्टिंग संयंत्रों, 256 टन प्रतिदिन एमआरएफ और 7400 टन प्रतिदिन वेस्ट टू एनर्जी संयंत्र की सहायता से निस्तारित करता है जोकि ओखला, बवाना और गाजीपुर में स्थित हैं. 1700 टन प्रतिदिन कचरा ओखला लैंडफिल साइट, 2200 टन कचरा प्रतिदिन भलस्वा और 1700 टन कचरा प्रतिदिन गाजीपुर लैंडफिल साइट पर जाता है.


तेहखंड स्थित वेस्ट टू एनर्जी संयंत्र के आरंभ होने से ओखला लैंडफिल साइट पर जाने वाले कचरे की मात्रा घटकर 400 से 500 टन प्रतिदिन रह गई है. रोजाना पैदा होने वाले कचरे और निस्तारित कचरे के मध्य 3475 मीट्रिक टन प्रतिदिन का अंतर है, जिसे कम करने के लिए दिल्ली नगर निगम लगातार प्रयत्नशील है और अगस्त 2025 में नरेला-बवाना में बनने वाले वेस्ट टू एनर्जी संयंत्र के निर्माण के पश्चात निगम के पास कचरा निस्तारण के इस अंतर को समाप्त करने में सफलता प्राप्त कर लेगा. इसे स्थापित करने संबंधी निविदा आमंत्रण प्रक्रियाधीन है. इसके साथ ही निगम सितंबर 2023 तक ओखला स्थित बायो सीएनजी संयंत्र की क्षमता को 300 टन प्रतिदिन तक संवर्धित कर देगा.


दिल्ली नगर निगम ने लैंडफिल साइटों से लेगेसी कचरा निस्तारण के लिए विभिन्न विकल्प अपनाए हैं. लैंडफिल साइटों से प्रतिदिन लगभग 1200 मीट्रिक टन आरडीएफ उठाया जा रहा है, जिसमें से 100 मीट्रिक टन प्रतिदिन आरडीएफ  जे.के. सीमेंट उठा रही है और बाकी आरडीएफ चार वेस्ट टू एनर्जी संयंत्रों में इस्तेमाल होता है. अब तक जे.के. सीमेंट द्वारा लगभग 3359 मीट्रिक टन आरडीएफ उठाया गया है. निगमायुक्त द्वारा लैंडफिल साइटों से इनर्ट एवं निर्माण और विध्वंस कचरा उठाने संबंधी अपील को सभी हितधारकों से जोरदार समर्थन प्राप्त हुआ है. अबतक लैंडफिल साइटों से 30000 मीट्रिक टन इनर्ट एवं निर्माण एवं विध्वंस कचरा उठाया जा चुका है तथा अगले दो हफ्तों में 15000 मीट्रिक टन इनर्ट व निर्माण एवं विध्वंस कचरा और उठा लिया जाएगा.


निगम द्वारा लेगेसी कचरे के निस्तारण, प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले कचरे के निस्तारण एवं इसके लैंडफिल साइटों पर कम मात्रा में डलने के परिपेक्ष में दिल्ली में कोई भी नई लैंडफिल साइट स्थापित करने की आवश्यकता नहीं है. बल्कि निगम मार्च 2024 तक लैंडफिल साइटों को दिल्ली के मानचित्र से हटाने को लेकर प्रयत्नशील है. 


निगम के संज्ञान में आया है कि एक झूठी खबर फैलाई जा रही है कि दिल्ली में 16 नई लैंडफिल साइट स्थापित की जायेंगी. दिल्ली नगर निगम नागरिकों को आश्वस्त करना चाहता है कि निगम की 16 नई लैंडफिल साइट स्थापित करने की कोई भी योजना नहीं है और ऐसी भ्रामक खबर फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. दिल्ली नगर निगम दिल्ली को कचरा मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है तथा इस दिशा लगातार कार्य कर रहा है.


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