WHO ने माना- हवा से भी फैल सकता है कोरोना वायरस; बदल सकती हैं गाइडलाइंस
खास तौर पर भीड़ वाली जगहों या ऐसी जगहों पर जहां हवा का आवागमन अच्छा नहीं है यानी वेंटिलेशन कम अच्छा है. वहां हवा के जरिए कोरोना वायरस फैल सकता है.
नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब कोरोना वायरस (Coronavirus) के हवा से फैलने की संभावना को मान लिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की टेक्निकल हेड Maria Van Kerkhove ने कहा कि कोरोना वायरस के हवा में रहने और हवा के जरिए फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. खास तौर पर भीड़ वाली जगहों या ऐसी जगहों पर जहां हवा का आवागमन अच्छा नहीं है यानी वेंटिलेशन कम अच्छा है. वहां हवा के जरिए कोरोना वायरस फैल सकता है.
हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि इस बारे में अभी एक्सपर्ट से राय ली जाएगी और जल्द ही नई गाइडलाइंस भी जारी की जा सकती हैं. विशेषज्ञों की राय है कि अगर कोरोना वायरस हवा के जरिए भी फैलता है, तो भी मास्क लगाना और सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों का पालन करना होगा. लेकिन 1 मीटर की दूरी को और ज्यादा बढ़ाने के बारे में विचार किया जा सकता है.
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32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को एक ओपन लेटर लिखकर कहा था की डब्ल्यूएचओ (WHO) को यह मानना चाहिए कि कोरोना वायरस सांस के जरिए ही नहीं हवा में मौजूद बारीक कणों से भी फैल सकता है.
इससे पहले यही माना जाता रहा है कि एक इंसान के छींकने या खांसने या उसे छूने से दूसरे इंसान में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलता है. लेकिन अब ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना वायरस के पार्टिकल हवा में भी मौजूद हो सकते हैं. जिससे लोगों को और ज्यादा सावधान रहना होगा.
डब्ल्यूएचओ ने एक और अहम बात कही कि कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है हालांकि इस महामारी का पीक यानी चरम पर पहुंचना अभी बाकी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में 1 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना वायरस के शिकार हैं और 5 लाख 35 हजार लोग इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं.
सीएसआईआर के डीजी शेखर मांडे ने कहा, 'अगर इंसान के छींकने या खांसने से 10 माइक्रोन से ज्यादा बड़े पार्टिकल निकलते हैं तो वह जमीन पर या किसी सतह पर बैठ जाते हैं. लेकिन अगर पार्टिकल 5 माइक्रोन या उससे छोटे हैं तो वह 10 से 15 मिनट तक हवा में रह सकते हैं.' उन्होंने आगे कहा, 'इससे बचने के लिए सभी को लगातार मास्क लगाना चाहिए. खास तौर पर बीमार व्यक्ति को अगर वह हंस, खांस या छींक रहा है. जोर जोर से बोलने, तेज आवाज में गाना गाने से भी यह कण हवा में रह सकते हैं.'