कौन हैं विक्रमजीत सिंह साहनी और बलबीर सिंह सीचेवाल, जिन्हें AAP ने पंजाब से राज्य सभा के लिए चुना
AAP Punjab`s Rajya Sabha picks: पंजाब आम आदमी पार्टी ने राज्य सभा के लिए पद्म श्री संत सीचेवाल और पद्म श्री विक्रमजीत सिंह साहनी के नाम पर मुहर लगाई है. आइये जानते हैं इन दोनों दिग्गजों के बारे में.
AAP Punjab's Rajya Sabha picks: आम आदमी पार्टी (AAP) पंजाब ने शनिवार को पर्यावरणविद् संत बलबीर सिंह सीचेवाल और उद्यमी, परोपकारी और सामाजिक कार्यकर्ता बिक्रमजीत सिंह साहनी को राज्य से राज्य सभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में नामित किया. दोनों पद्म श्री पुरस्कार विजेता हैं.
सीएम भगवंत मान ने किया ट्वीट
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट कर कहा, 'मुझे आपको यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि आम आदमी पार्टी दो पद्म श्री पुरस्कार विजेताओं को राज्य सभा के सदस्य के रूप में नामित कर रही है … एक पर्यावरण प्रेमी पद्म श्री संत बलबीर सिंह सीचेवाल, दूसरे पद्म श्री विक्रमजीत सिंह साहनी पंजाबी संस्कृति से संबंधित हैं… दोनों को मेरी शुभकामनाएं.' बता दें कि पंजाब से अंबिका सोनी (कांग्रेस) और बलविंदर सिंह भुंदर (शिरोमणि अकाली दल) का राज्य सभा सदस्यों का कार्यकाल 4 जुलाई को समाप्त हो रहा है.
कौन हैं बलबीर सिंह सीचेवाल?
पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित बलबीर सिंह सीचेवाल एक प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता हैं. सतलुज और ब्यास नदियों की 160 किमी लंबी सहायक नदी के कायाकल्प के लिए उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. उन्होंने पंजाब में अलग-अलग जगहों पर वंचितों के लिए स्कूल और कॉलेज भी बनवाए हैं. सीचेवाल को सार्क पर्यावरण पुरस्कार मिला है और दलाई लामा द्वारा भी सम्मानित किया गया है. 'इको बाबा' के नाम से विख्यात सीचेवाल को टाइम मैगजीन ने दुनिया में पर्यावरण के शीर्ष 30 नायकों में से एक के रूप में सम्मानित किया था. सीचेवाल के काम का समर्थन दिवंगत राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने किया, जो दो बार उनके गांव सीचेवाल में उनसे मिलने आए थे.
कौन हैं विक्रमजीत सिंह साहनी?
पद्म श्री पुरस्कार विजेता विक्रमजीत सिंह साहनी एक उद्यमी, शिक्षाविद् और परोपकारी हैं. वह डब्ल्यूपीओ (विश्व पंजाबी संगठन) के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, जो 22 देशों में सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक बंधनों को बढ़ावा देने के लिए कार्य करता है. उन्होंने तीन चार्टर्ड उड़ानें भेजकर 500 से अधिक अफगान हिंदुओं और सिखों को निकाला और उनके बच्चों की मुफ्त शिक्षा सुनिश्चित करने के अलावा उनका पुनर्वास किया. कोविड -19 के दौरान साहनी की निस्वार्थ सेवा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता से चलने वाले मोबाइल परीक्षण क्लीनिक, 2,000 ऑक्सीजन सिलेंडर और हर दिन 1 लाख लोगों की सेवा करने वाले लंगर सेवा शामिल हैं. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने भी साहनी को उनकी अनुकरणीय सेवाओं के लिए अनमोल सिख रतन पुरस्कार से सम्मानित किया है. साहनी विकलांग जरूरतमंद युवाओं के लिए नि:शुल्क कौशल विकास केंद्र चलाने वाले सन फाउंडेशन के संस्थापक हैं.
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