UP By Elections 2024: यूपी में 10 सीटों पर होने वाली उपचुनाव को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है. भले ही इसकी तारीखों का ऐलान ना हुआ हो. लेकिन राजनीति फुल हो रही है. समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया गया है कि जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं, वहां के मुस्लिम और यादव जाति के Booth Level Officer को हटाया जा रहा है. समाजवादी पार्टी ने मीरजापुर की मझवां सीट से मुस्लिम बीएलओ को हटाकर गैर मुस्लिम बीएलओ तैनात किए जाने पर सवाल उठाए हैं. समाजवादी के नेता अब इस बदलाव को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत करने की बात कर रहे हैं. एक ट्वीट में समाजवादी पार्टी ने 11 मुस्लिम बीएलओ की लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में ये दिखाया गया है कि किन मुस्लिम बीएलओ के जरिए किन गैर मुस्लिम बीएलओ को तैनात किया गया है।


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मीरजापुर की मझवां सीट से 13 बीएलओ को बदला गया है. इनमें से 11 बीएलओ मुस्लिम थे, जिन्हें बदला गया है. समाजवादी पार्टी ने केवल मीरजापुर की मझवां सीट को लेकर ही नहीं, बल्कि कानपुर की सीमामऊ सीट को लेकर भी सवाल उठाए थे. समाजवादी पार्टी का आरोप है कि सीसामऊ के 124 में से 98 मुस्लिम बीएलओ को बदल दिया गया है. बीएलओ के बदलने के मुद्दे की वजह से समाजवादी चुनाव के बहिष्कार तक की बात कर रही है।



BLO को बदले जाने की प्रक्रिया को समाजवादी पार्टी, बड़ा चुनावी मुद्दा बना रही है. वो इसको पारदर्शी चुनाव के लिए खतरा बता रही है. हालांकि बीएलओ का बदला जाना, चुनाव आयोग की सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है. ये समझने के लिए आपको ये बताना जरूरी है कि चुनावों में BLO यानी Booth level Officer का रोल क्या होता है.


  • बीएलओ, ऐसे सामान्य सरकारी कर्मचारी होते हैं, जिन्हें चुनावी ड्यूटी पर लगाया जाता है.

  • बीएलओ एक तरह से चुनाव आयोग के प्रतिनिधि होते हैं.

  • बीएलओ अपने बूथ की मतदाता लिस्ट वैरिफाई करता है.

  • वोटर आईडी कार्ड बनवाने या वोटर लिस्ट में नाम डलवाने का काम BLO ही करते हैं.

  • BLO का मुख्यकाम मतदाताओं को वोट डालने में सहूलियत पहुंचाना होता है.

  • चुनाव खत्म होने के बाद BLO अपने पुरानी सरकारी ड्यूटी चले जाते हैं.


ऐसा जरूरी नहीं है कि किसी चुनाव में अगर कोई खास BLO नियुक्त किया गया हो, तो वो आने वाली हर चुनाव में BLO बनाया जाए. इसलिए समय-समय पर चुनाव आयोग, नए सिरे से BLO की नियुक्तियां करता है. हालांकि समाजवादी पार्टी को इसमें साजिश नजर आ रही है. उसने चुनाव आयोग से संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.