BJP-JDU Vs RJD: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बीजेपी के साथ पार्टनरशिप वाली सरकार विश्वास मत में पास हो गई है. जिस दिन नीतीश ने पाला बदला था, तेजस्वी ने कहा था कि खेला अभी बाकी है. लेकिन आज तेजस्वी के साथ ही खेला हो गया. नीतीश ने अपने सारे वोट तो एकजुट रखे ही, RJD के भी 3 विधायक तोड़ लिए. सरकार को 129 वोट मिले. इससे पहले वोटिंग से RJD के स्पीकर को हटाया गया.  विश्वास मत पर वोटिंग की बारी आई तो RJD और कांग्रेस वाकआउट कर गईं. नीतीश ने फिर भी वोटिंग करवाई ताकि बिहार को पासिंग मार्क्स तो पता चलें.


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लेकिन इन सबके बीच बिहार की राजनीति में कैकेयी और मंथरा की एंट्री हुई. वैसे तो ये रामायण के पात्र हैं, लेकिन आज उनका सियासी महाभारत में जिक्र हुआ. सोमवार को जेडीयू ने कहा कि नीतीश की इंडिया अलायंस से अनबन होने में कांग्रेस कैकेयी के रोल में थी.


तेजस्वी-नीतीश के तंज


सदन में तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की पलटने वाली हिस्ट्री का मजे लेकर जिक्र किया. फिर बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसी ने कैकेयी बनकर नीतीश को दूर किया. और जब नीतीश बोलने आए तो उन्होंने गठबंधन छोड़ने के 2 राज बताए. कैकेयी-मंथरा का नाम लिये बिना कांग्रेस और लालू को जिम्मेदार बताया. कहा कि ये दोनों उन्हीं की जड़ें खोद रहे थे. दूसरी वजह ये बताई कि उनके सुशासन वाले चेहरे की आड़ में RJD अपने मंत्रालयों से भारी कमाई कर रही थी. 


नीतीश ने घुमा-फिराकर नहीं, बल्कि सीधे कहा कि अब वो बीजेपी के साथ आ गए हैं तो उन सारे मंत्रालयों की जांच करा सकते हैं जिनमें RJD के मंत्री थे. 17 महीने की सरकार में तेजस्वी ने सबसे ज्यादा ढोल शिक्षा विभाग को लेकर पीटे थे, रिकॉर्ड नौकरी देने का दावा किया था. जबकि NDA के दलों का आरोप है कि बिहार में लैंड फॉर जॉब जैसा मनी फॉर जॉब भी हुआ है. क्या ये नीतीश कुमार की लालू-तेजस्वी पर प्रेशर पॉलिटिक्स तो नहीं ताकि जैसे आज 3 टूटकर उधर से इधर आए हैं. चुनाव से पहले और भी आ जाएं?


बिहार पॉलिटिक्स में मंथरा-कैकेयी की एंट्री


सदन में नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, 'नीतीश जी कैकेयी को पहचानिए, हमारे लिए आप राजा दशरथ जैसे अभिभावक हैं. आपकी कुछ मजबूरी रही होगी, जो हमें वनवास भेजा. अब हम जनता के बीच जाएंगे. तेजस्वी ने कहा, नीतीश कुमार कभी इधर, कभी उधर रहते हैं. पता नहीं, उनकी क्या मजबूरी है. तेजस्वी यादव ने आगे कहा, BJP वाले सम्मान नहीं डील करते हैं. अगर वहां बात ना बने, हमसे बात करें. तकलीफ मिली तो तेजस्वी साथ खड़ा होगा. कोई बात होगी,हम फिर से हाजिर हैं. कोई आए ना आए, समय आएगा. समय भी आएगा, तेजस्वी आएगा.'


बीजेपी पर हमला बोलते हुए पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा, 'बीजेपी वोट बैंक की राजनीति कर रही है. पीएम मोदी गारंटी दें कि नीतीश पलटेंगे या नहीं. क्या मोदी इसकी गारंटी ले सकते हैं. तेजस्वी ने कहा, नीतीश जी, मोदी को आपका भतीजा रोकेगा. चाचा गए, भतीजा झंडा उठाएगा.' वहीं जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा, विपक्षी पार्टी ने बहुत कोशिश की लेकिन उनकी दाल नहीं गली. कांग्रेस पार्टी ने तो अपने विधायकों को हैदराबाद तक भेज दिया. तेजस्वी यादव ने संयमित भाषण दिया. दशरथ के बारे में तो बोला लेकिन कैकेयी की भूमिका में कौन था ये नहीं बताया. मैं उनको बताना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी ने कैकई की भूमिका निभाई.


क्या कमाई पर बिगड़ा खेल?


तेजस्वी यादव के आरोपों पर सीएम नीतीश कुमार ने भी जमकर पलटवार किया. नीतीश कुमार ने कहा, इन्होंने (आरजेडी) शिक्षा विभाग लिया और गड़बड़ की. पैसा कहां से आया, हम सबकी जांच कराएंगे. ये लोग इधर-उधर करने के लिए लाखों दे रहे थे. हम इन्हें इज्जत दे रहे थे, ये कमा रहे थे. इससे मुझे तकलीफ हुई. हम अब हमेशा के लिए पुरानी जगह आ गए. आपको समस्या हो तो मुझसे आकर मिलें. ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि क्या महागठबंधन से नीतीश की एग्जिट कमाई के खेल पर हुई.