Uttarakhand Tunnel Rescue Operation Update: उत्तरकाशी टनल हादसे का सोमवार को नौवां दिन रहा. टनल के भीतर फंसे 41 मजूदरों को बचाने की कोशिश लगातार जारी है. नार्वे के वैज्ञानिक, ऑस्ट्रेलिया के इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष अर्नोल्ड डिक्स के साथ ही कई विशेषज्ञ और वैज्ञानिक भी राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं. टनल में ड्रिलिंग चल रहा है. सुरंग के ऊपर से सड़क बनाई जा रही है. ड्रिलिंग करके करीब 1,200 मीटर की अस्थायी सड़क बनाने का प्लॉन है.


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PM मोदी ने मुख्यमंत्री से की बात


इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए जारी राहत और बचाव कार्यों के बारे में जानकारी ली. प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार सभी आवश्यक बचाव उपकरण और संसाधन उपलब्ध करा रही है. एजेंसियों के परस्पर समन्वय से मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा. फंसे मजदूरों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत है.


मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य और केंद्रीय एजेंसियां परस्पर समन्वय और तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं. टनल में फंसे श्रमिक सुरक्षित हैं. उन्हें जरूरी सामान दिया जा रहा है. मेडिकल टीम भी तैनात कर दी गई है. सुरंग के अंदर फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं. उन्हें जल्द बाहर निकलने की पूरी कोशिश की जा रही है.


पहुंच गए टनल के उस्ताद


वहीं, अर्नोल्ड डिक्स भी सिलक्यारा सुरंग हादसे की साइट पर पहुंचे थे. उनका कहना है कि यहां सभी लोग मिलकर बेहतर काम कर रहे हैं. यहां की टीम शानदार है. सभी लोगों को बाहर निकाला जाएगा. उन्होंने बताया कि सभी लोग सुरक्षित हैं. अच्छा भोजन और दवाएं ठीक से उपलब्ध कराई जा रही हैं. उन्होंने घटनास्थल पर पहुंचने के बाद टनल के मुख्य द्वार पर बने मंदिर में पूजा-अर्चना भी की.


सोमवार सुबह टनल साइट पर International Tunnelling and Underground Space Association के President प्रोफेसर Arnold Dix भी उत्तरकाशी पहुंच गए. उन्होंने हादसे वाली जगह का दौरा करके टनल के आसपास के भौगोलिक हालात को समझा.  Arnold Dix को इस तरह के Operation का Expert माना जाता है.  Rescue के लिए Norwey से एक्सपर्ट और Holand से Drilling Machine मंगाई गई है. 


'अभी लग सकते हैं कुछ और दिन'


उन्होंने कहा कि सिलक्यारा टनल से मजदूरों को बाहर निकालना वाकई चुनौतीपूर्ण है. अब तक 9 दिन का वक्त गुजर चुका है लेकिन हालात को देखते हुए अभी कुछ वक्त और लग सकता है. इसलिए रेस्क्यू के 6 एक्शन प्लान पर एक साथ काम शुरू किया गया है, ताकि एक प्लान Fail हो जाये तो दूसरे Plan पर काम शुरू करने में वक्त खराब ना हो. 


उन्होंने हिमालय में यह एक मुश्किल मिशन है. इसमें कुछ दिन और लग सकते हैं. हम पहाड़ के ऊपर से 100 फीट तक वर्टिकल ड्रिल करके नीचे जाने का रास्ता बनाएंगे. अगर जरूरत पड़ी तो हाथों से भी खुदाई को अंजाम दिया जाएगा. इसके साथ ही दूसरे वैकल्पिक उपायों को भी आजमाया जाएगा. 


कौन हैं अर्नोल्ड डिक्स? 


अर्नोल्ड डिक्स ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले हैं और उन्हें सुरंग से जुड़े मामलों में विशेषज्ञ माना जाता है. उन्हें इंजीनियरिंग और कानून दोनों मामले में विशेषज्ञता हासिल है, इसलिए जटिल मामले फंसने पर दुनियाभर में उनकी मदद ली जाती है. उन्हें टनल के मामले में काम करने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुके है. 


(एजेंसी आईएएनएस)