Veg Biryani: उत्तर प्रदेश के कानपुर में वेज कबाब का एक ठेला है. ठेले का मालिक हिंदू है लेकिन उसका एक कर्मचारी मुस्लिम है. हिंदू मालिक ने अपने कर्मचारी को भगवा टी-शर्ट पहनने को दी जिस पर जय श्रीराम लिखा हुआ था. यही टी-शर्ट पहनकर मुस्लिम कर्मचारी ठेले पर काम करता था. लोगों को वेज बिरयानी और वेज कबाब पराठा खिलाता था. लेकिन ये बात बजरंग दल को अच्छी नहीं लगी तो उन्होंने हिंदू के ठेले पर भगवा टीशर्ट पहनकर काम करने वाले मुस्लिम कर्मचारी को घेर लिया और हंगामा खड़ा कर दिया.


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अब कुछ सवाल उठते हैं. अगर कोई हिंदू दुकानदार अपने कर्मचारियों को भगवा टीशर्ट पहनकर काम करवाता है और मुस्लिम कर्मचारी उस भगवा टीशर्ट को पहनते हैं तो इसमें गलत क्या? अगर कोई मुसलमान जय श्रीराम की टीशर्ट पहनकर हिंदुओं को वेज खाना परोसता है तो क्या ये गुनाह है?


कानपुर के राम गोपाल चौराहे पर बजरंग दल के कार्यकर्ता जय श्री राम का नारा लगाकर राम नाम की टीशर्ट पहने एक शख्स को घेरे हुए हैं. बजरंग दल को इस बात से आपत्ति है कि दुकान पर काम करने वाले मोहम्मद कल्लू ने सनातनी हिंदू और राम नाम वाला टीशर्ट क्यों पहना हुआ है.


बजरंग दल के कार्यकर्ता 


दरअसल बजरंग दल के कार्यकर्ता इस दुकान पर खाने आए थे. उन्होंने सनातनी टीशर्ट पहने एक कर्मचारी से नाम पूछा. उस शख्स ने अपना नाम मोहम्मद कल्लू बताया. इसी बात पर बजरंग दल के कार्यकर्ता बिफर गए. सवाल उठाने लगे कि मुस्लिम शख्स ने सनातनी टीशर्ट क्यों पहनी है? 


पुलिस से भी शिकायत कर दी


टीशर्ट पर राम का नाम लिखने से बजरंग दल को इतनी दिक्कत हो गई कि पुलिस से भी शिकायत कर दी. टीशर्ट से शुरू हुआ ये विवाद खाने की जांच तक पहुंच गया. लेकिन बजरंग दल के बवाल का एक और पहलू है. दरअसल बउआ वेज कॉर्नर के मालिक ने अपने कर्मचारियों के लिए यूनिफॉर्म बनवाया है. भगवा रंग के इस यूनिफॉर्म में सनातनी हिंदू और राम का नाम लिखा है. एक तरफ जहां बजरंग दल को मुस्लिम शख्स के बदन पर भगवा टीशर्ट से दिक्कत है, वहीं बजरंग दल से कुछ सवाल पूछना तो बनता है. 


जब मुस्लिम शख्स को राम नाम वाली टी शर्ट पहनने में कोई दिक्कत नहीं है तो बजरंग दल को इससे क्या दिक्कत है? 
क्या कोई मुसलमान राम नाम वाला टीशर्ट नहीं पहन सकता है?
जब दुकान के मालिक ने यूनिफॉर्म पहनाई तो मुस्लिम युवक को क्यों घेरा?


एक मुस्लिम शख्स की टीशर्ट पर प्रभु राम के नाम से आपत्ति का एक पहलू तो बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का है. लेकिन दूसरा पहलू ये भी है कि अगर किसी मुस्लिम शख्स को अपना पेट पालने के लिए दूसरे धर्म से जुड़ी टीशर्ट पहनने में कोई दिक्कत नहीं है तो यहां बजरंग दल क्यों धर्म का ठेकेदार बनकर प्रकट हो गया. सवाल अहम है क्योंकि पहले से ही देश में सांप्रदायिक ताकतें हावी हैं. ऐसे में इस मामले में बजरंग दल का इस तरह हंगामा करना कितना जायज है?