DNA with Sudhir Chaudhary: अफगानिस्तान के टीवी स्टूडियो में बुर्का, भारत में `तालिबानी मॉडल` किसे पसंद है?
DNA with Sudhir Chaudhary: अब सबसे बड़ा विरोधाभास ये है कि अफगानिस्तान की महिलाएं हिजाब और बुर्का पहनने का विरोध कर रही हैं. लेकिन दूसरी तरफ भारत है, जहां हमारा संविधान और हमारी सरकार मुस्लिम छात्राओं को बिना हिजाब और बुर्के के स्कूलों में पढ़ने की इजाजत देता है. लेकिन इन छात्राओं की जिद है कि वो हिजाब पहन कर ही स्कूल और कॉलेजों में जाना चाहती हैं.
DNA with Sudhir Chaudhary: अफगानिस्तान के News Channels में अब महिला News Readers को अपना सिर और चेहरा ढक कर खबरें पढ़ने के लिए मजबूर कर दिया गया है. अफगानिस्तान की महिला Anchors को बुर्का पहन कर टीवी Studios में खबरें पढ़नी होंगी. इससे पहले वहां की महिला पत्रकारों ने Anchoring के दौरान चेहरा ढकने से साफ इनकार कर दिया था और उनका कहना था कि अगर उन्हें सिर के साथ चेहरा ढकने के लिए भी मजबूर किया जाता है तो वो इसका विरोध करेंगी. साथ ही तालिबान सरकार के ऐसे किसी भी फैसले को नहीं मानेंगी.
फरमान न मानने पर सख्त सजा
हालांकि इस विरोध के बाद तालिबान की सरकार और उसके प्रवक्ताओं द्वारा इन महिला Anchors को जान से मारने की धमकियां दी गईं और उन्हें कहा गया कि अगर वो इस्लाम धर्म के तौर-तरीकों का पालन नहीं करतीं तो उन्हें काम करने से रोका जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी. अफगानिस्तान में इस तरह की कड़ी कार्रवाई का मतलब है, महिलाओं को सावर्जनिक स्थानों पर कोड़े मारने की सजा देना ताकि इस सजा को देखने के बाद दूसरी महिलाएं भी विरोध करने से पहले 100 बार सोचें.
अब तक अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनना जरूरी था और महिला पत्रकार भी हिजाब पहन कर Anchoring कर सकती थीं. लेकिन कुछ दिन पहले तालिबान के सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने एक नया आदेश जारी किया, जिसके तहत अब अफगानिस्तान में सभी महिलाओं के लिए अपना चेहरा ढकना अनिवार्य है.
भारत में हिजाब और बुर्के की मांग
अब सबसे बड़ा विरोधाभास ये है कि अफगानिस्तान की महिलाएं हिजाब और बुर्का पहनने का विरोध कर रही हैं. लेकिन दूसरी तरफ भारत है, जहां हमारा संविधान और हमारी सरकार मुस्लिम छात्राओं को बिना हिजाब और बुर्के के स्कूलों में पढ़ने की इजाजत देता है. लेकिन इन छात्राओं की जिद है कि वो हिजाब पहन कर ही स्कूल और कॉलेजों में जाना चाहती हैं.
इस स्थिति को देखने के बाद ऐसा लगता है कि अफगानिस्तान की इन महिला Anchors को भारत में होना चाहिए था और भारत की इन मुस्लिम छात्राओं को अफगानिस्तान में होना चाहिए था. क्योंकि ये छात्राएं जिस हिजाब और बुर्के की मांग कर रही हैं, उसे तालिबान ने वहां के सभी स्कूलों में अनिवार्य कर दिया है.