नई दिल्लीः विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. WHO ने कोवैक्सीन की सप्लाई सस्पेंड कर दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के जरिये गरीब और जरूरतमंद देशों को कोवैक्सीन वितरित कर रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि 14 से 22 मार्च 2022 के बीच भारत बायोटेक का निरीक्षण किया गया. कंपनी को अपने प्रोसेस और फैसिलिटी को अपग्रेड करने की जरूरत है. इसीलिए कंपनी फिलहाल कोवैक्सीन सप्लाई को सस्पेंड कर रही है. 


कंपनी अपनी फैसिलिटी को अपग्रेड करेगी


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WHO ने साफ किया है कि वैक्सीन सुरक्षित है लेकिन अच्छी मैन्यूफैक्चरिंग अपनाने तक कोवैक्सीन सस्पेंड रहेगी. नवंबर 2021 में WHO ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी दी थी. कई दौर की मीटिंग के बाद ये मंजूरी दी गई थी. 1 अप्रैल को ही भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के निर्माण को कम करने का फैसला किया. कंपनी ने कहा है कि डिमांड घटने की वजह से मैन्यूफैक्चरिंग कुछ वक्त तक सीमित रहेगी. भारत बायोटेक ने ये भी कहा कि इस दौरान कंपनी अपनी फैसिलिटी को अपग्रेड करेगी.


कोवैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी टीका


वहीं, WHO ने अभी तक के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक कोवैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी टीका बताया है. इसे लेकर कोई सुरक्षा चिंता नहीं है. WHO ने आगे कहा है कि टीका वर्तमान में डब्ल्यूएचओ आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) के तहत है.


WHO ने किया है रिस्क एनालिसिस


WHO द्वारा यह रिस्क एनालिसिस वैश्विक स्तर पर COVAXIN की करोड़ों खुराक की आपूर्ति पर आधारित है. बता दें कि COVAXIN की डोज लेने वाले लाखों लोगों के लिए जारी किए गए वैक्सीन सर्टिफिकेट अभी भी मान्य हैं क्योंकि वैक्सीन की प्रभावकारिता और सुरक्षा को लेकर कोई सवाल नहीं खड़े हुए हैं.


भारत बायोटेक ने दिया ये बयान


भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा कि आने वाली अवधि के लिए कंपनी रखरखाव, प्रक्रिया और सुविधा अनुकूलन गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करेगी. कंपनी ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान टीके के निरंतर उत्पादन के लिए सभी मौजूदा इकाइयों को कोवैक्सीन के निर्माण के लिए पुनर्निर्मित किया गया था. इसलिए इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सुविधाओं को हाईटेक बनाने के लिए काम करना जरूरी है.


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