`वे हमेशा जनता के दिलों में जिंदा रहेंगे...`, कौन थे भाजपा विधायक देवेंद्र सिंह राणा, जिसके निधन पर गमगीन है जम्मू-कश्मीर
Who was Devender Singh Rana BJP MLA: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और जम्मू-कश्मीर के नगरोटा विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक देवेंद्र सिंह राणा का गुरुवार को निधन हो गया. जम्मू-कश्मीर भाजपा प्रमुख रविंदर रैना नगरोटा से भाजपा विधायक देवेंद्र सिंह राणा को याद करते हुए भावुक हो गए.
Devender Singh Rana dies: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के नगरोटा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक देवेंद्र सिंह राणा का गुरुवार देर रात फरीदाबाद के एक अस्पताल में निधन हो गया. केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह के छोटे भाई देवेंद्र सिंह राणा ने 2014 के विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के टिकट पर जीत हासिल की थी. हाल ही में हुए चुनाव में उन्होंने भाजपा के टिकट पर 30,472 मतों के अंतर से जीत दर्ज कर नगरोटा सीट बरकरार रखी. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी एनसी के जोगिंदर सिंह को 17,641 मत मिले.
राणा के निधन पर भावुक हो गए जम्मू-कश्मीर भाजपा प्रमुख रविंदर रैना
राणा ने 2024 के विधानसभा चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ सबसे अधिक अंतर से जीत हासिल की थी. राणा के निधन पर पूरे जम्मू-कश्मीर में दुख का माहौल है. जम्मू-कश्मीर भाजपा प्रमुख रविंदर रैना नगरोटा से भाजपा विधायक देवेंद्र सिंह राणा को याद करते हुए भावुक हो गए.उन्होंने कहा, "देवेंद्र सिंह राणा भाजपा के बहुत मेहनती नेता थे...पूरा जम्मू-कश्मीर भाजपा नेता देवेंद्र सिंह राणा के निधन पर शोक मना रहा है. उन्होंने समाज के हर वर्ग के लिए काम किया...वे हाल ही में नगरोटा विधानसभा क्षेत्र से बहुत बड़े अंतर से विधायक चुने गए थे...वे हमेशा जम्मू-कश्मीर की जनता के दिलों में जिंदा रहेंगे..."
भाजपा के प्रवक्ता साजिद यूसुफ ने कहा, ‘‘राणा जम्मू-कश्मीर के एक प्रमुख राजनीतिक व्यक्ति थे. उनके आकस्मिक निधन से भाजपा और उनके समर्थक सदमे में हैं.’’ भाजपा सदस्यों और नेताओं ने क्षेत्र के लिए उनके बहुमूल्य योगदान को याद करते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की है. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी राणा के निधन पर शोक व्यक्त किया है.
कौन थे भाजपा विधायक देवेंद्र सिंह राणा?
व्यवसायी से राजनेता बने देवेंद्र सिंह राणा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के छोटे भाई थे. उनके परिवार में पत्नी, दो बेटियाँ और एक बेटा है.
राणा के भाई जितेन्द्र सिंह केन्द्रीय मंत्री हैं. व्यवसायी से राजनीतिज्ञ बने देवेंद्र सिंह राणा का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के फरीदाबाद स्थित एक अस्पताल में निधन हुआ.
उमर अब्दुल्ला के पूर्व करीबी सहयोगी देवेंद्र सिंह राणा ने अक्टूबर 2021 में भाजपा में शामिल होकर राजनीतिक निष्ठा बदल ली, इससे पहले वह जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) का प्रतिनिधित्व करते थे.
हाल ही में जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनावों में राणा ने नगरोटा सीट जीती, उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, जेकेएनसी के जोगिंदर सिंह को 30,472 मतों के बड़े अंतर से हराया.
भाजपा की 2014 की “मोदी लहर” के बावजूद, राणा ने इससे पहले 2014 के विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट पर नगरोटा से जीत हासिल की थी.
जामकाश व्हीकलएड्स के संस्थापक के रूप में राणा ने जम्मू और कश्मीर में कार बाजार को नया रूप दिया, जिससे उत्तर भारत में मारुति कार के शीर्ष विक्रेता के रूप में उनकी स्थिति मजबूत हुई. उन्होंने टेकवन टीवी की भी स्थापना की, जिससे उनके व्यवसाय में मीडिया भी जुड़ गया.
जम्मू में थी उनकी जबरदस्त पैठ
जम्मू संभाग में अपनी मजबूत जड़ों और स्थानीय समुदायों के साथ घनिष्ठ संबंधों के लिए जाने जाने वाले देवेंद्र सिंह राणा क्षेत्र के राजनीतिक परिदृश्य में एक प्रमुख व्यक्ति थे, खासकर भाजपा के भीतर. राजनीतिक स्पेक्ट्रम के सभी राजनेताओं ने राणा के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की है. जैसे ही उनकी मौत की खबर फैली, पार्टी के सहकर्मी, मित्र और समर्थक जम्मू में उनके गांधी नगर स्थित आवास पर श्रद्धांजलि देने और उनके शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए एकत्र हुए.
पूरा जम्मू-कश्मीर है गमगीन
जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने देवेंद्र सिंह राणा के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की और कहा कि देश ने एक देशभक्त और व्यापक रूप से सम्मानित नेता खो दिया है, जो केंद्र शासित प्रदेश में लोगों के कल्याण के लिए समर्पित थे. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी भाजपा विधायक देवेंद्र राणा के निधन पर शोक व्यक्त किया. मुफ्ती ने एक्स पर लिखा, "देविंदर राणा जी के आकस्मिक निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं. उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना."
जम्मू-कश्मीर में क्या है इस समय सरकार के हालात
जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 90 सीटों के लिए हुए चुनाव में एनसी ने 42, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 29, कांग्रेस ने छह, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने तीन और माकपा, आम आदमी पार्टी (आप) तथा पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) ने एक-एक सीटों पर जीत दर्ज की. निर्दलीय उम्मीदवारों के पास सात सीटें हैं जिनमें छह नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल हो गए हैं. एनसी ने कांग्रेस, छह निर्दलीय, एक माकपा और एक आप उम्मीदवार के समर्थन से उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में सरकार बनाई है. कांग्रेस, माकपा और आम आदमी पार्टी (आप) सरकार में शामिल नहीं हुई हैं. कांग्रेस ने कहा है कि जब तक राज्य का दर्जा बहाल नहीं हो जाता, वह जम्मू-कश्मीर सरकार में शामिल नहीं होगी.
उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता वाली जम्मू-कश्मीर कैबिनेट ने अपनी पहली बैठक में राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया. उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली जाकर इस प्रस्ताव की एक प्रति केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपी. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी 4 नवंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए प्रस्ताव लाने का फैसला किया है.