Who was Khan Mubarak: पुलिस ने पुष्टि की है कि अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के बेहद खास सहयोगी खान मुबारक की सोमवार को जिला जेल से स्थानांतरित किए जाने के एक घंटे के भीतर मौत हो गई. मुबारक की हरदोई जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. 43 वर्षीय मुबारक निमोनिया से पीड़ित था. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कई दिनों से उसका इलाज चल रहा था.


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हरदोई जेल में बीमारी के चलते जिस खान मुबारक की मौत हुई थी वह छोटा मोटा बदमाश नहीं था. माफिया डॉन खान मुबारक छोटा राजन गैंग के मजबूत पिलर जफर सुपारी का छोटा भाई था. अंबेडकर नगर में हंसवर थाना इलाके का रहने वाला खान मुबारक माध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखने वाला लेखपाल का बेटा था.


भाई अपराध की दुनिया में उतरकर अंडरवर्ल्ड का गुर्गा बना तो इसपर भी रंगबाजी का सुरूर चढ़ने लगा. इलाहाबाद विश्विद्यालय में पढ़ाई के दौरान क्रिकेट खेलते समय इसने अंपायरिंग करने वाले युवक को आउट देने पर गोली से उड़ा दिया था. इस एक हत्या ने उसे अपराध की दुनिया में धकेला तो वह छोटा राजन गैंग तक पहुंचा और देखते ही देखते 40 संगीन मुकदमों में वांछित हो गया.


योगी सरकार ने प्रदेश में गुंडों माफियाओं के खिलाफ नजर टेढ़ी की तो खान मुबारक भी उसकी जद में आ गया. प्रदेश भर के 67 टॉप माफियाओं की लिस्ट बनी तो खान मुबारक भी उसमें शामिल रहा. एसटीएफ ने 2017 में खान मुबारक को लखनऊ में मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर जेल तो भेज दिया लेकिन उसका गैंग बाहर रहकर माफिया के इशारा पर कांड कर रहा था.


इसी बीच 2019 में आलोक प्रियदर्शी अंबेडकरनगर के कप्तान बने तो खान मुबारक के साम्राज्य की उल्टी गिनती शुरू हो गई. आलोक प्रियदर्शी ने अपने लगभग दो साल के कार्यकाल में जिन 6 बदमाशों का एनकाउंटर किया उनमें ज़्यादातर खान मुबारक के गुर्गे थे.