Mughal History and Nadir Shah: देश में आज भी ऐसे लाखों लोग होंगे जिन्होंने भले ही ग्रेजुएशन में हिस्ट्री सब्जेक्ट न लिया हो, लेकिन इतिहास के बारे में पढ़ने और उसके बारे में जानने में उनकी गहरी दिलचस्पी होगी. किसी को इतिहास के भारतीय राजवंश के नायकों के बारे में नई-नई चीजें जानना अच्छा लगता है तो किसी का मन मुगल काल के बादशाहों के किस्से-कहानियों में लगता है. यूं तो मुगल इतिहास काफी लंबा है, जिसके बारे में एक ही लेख में पढ़ पाना नामुमकिन है, इसके बावजूद हम लगातार आपके लिए कुछ न कुछ जानकारी लेकर आते हैं जिसमें मुगलिया सल्तनत और मुगल बादशाहों से जुड़े रोचक तथ्य होते हैं. आज इसी कड़ी में बात उस नादिर शाह की, जिसने मुगलों का हीरा चुरा लिया था.


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मुगल वंश
मुगल साम्राज्य का दौर भारत में करीब साल 1526 से 1857 तक रहा. मुगल वंश की स्थापना बाबर ने पानीपत की लड़ाई में इब्राहिम लोदी को हराकर की थी. इसके बाद हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां, औरंगजेब ने अपने पुरखों की गद्दी संभाली. इससे उतर अब उस दौर के एक और विदेशी आक्रांता नादिरशाह के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने मुगलों के साथ खेल कर दिया था.


कौन था नादिर शाह?
नादिर शाह भारतीय नहीं बल्कि एक ईरानी शख्स था. वो फारस का शाह था. नादिर शाह ने 1737 में भारत पर हमला किया. उसने मुगलों की नाक में दम कर दिया था. मार्च 1739 की नादिर शाह की सेना ने करनाल पर हमला करके मुगलों को धूल चटा दी थी और उसी दौरान भारत का बेहद खूबसूरत कोहिनूर हीरा लूट ले गया था. मुगलों को हराने के बाद नादिर शाह तख्त-ए-ताउस और कोहिनूर हीरे को अपने साथ फारस ले गया था. 


नादिरशाह की नेटवर्थ
इतिहासकारों के मुताबिक जब नादिरशाह वापस लौटा था तब के सौ करोड़ रुपये की संपत्ति लेकर गया था. उस समय मुहम्मद शाह रंगीला मुगलों का बादशाह था. उसके शासन काल में मुगल सल्तनत ऐसी कमजोर पड़ी कि धीरे-धीरे एक दिन उसका नामोनिशान ही मिट गया.


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