New CM Of Karnataka: कर्नाटक (Karnataka) में कांग्रेस (Congress) के जीत के साथ ही अब यक्ष प्रश्न ये बन गया है कि कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. ये सवाल कर्नाटक में कांग्रेस से चुनाव से पहले भी पूछा गया. हालांकि, तब कांग्रेस ने नतीजों के बाद फैसले की बाद कहकर सवाल को टाल दिया था. लेकिन अब सीएम पद की रेस में सिद्धारमैया (Siddaramaiah), डीके शिवकुमार (DK Shivkumar), मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge), बीके हरिप्रसाद और परमेश्वरन का नाम आगे चल रहा है. कांग्रेस (Congress) ने जैसे ही कर्नाटक (Karnataka) में 113 का जादुई आंकड़ा पार किया वैसे ही हर जुबान पर एक ही सवाल आ गया कि कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इस सवाल का जवाब तो कांग्रेस की तरफ से नहीं आया है लेकिन एक फॉर्मूला जरूर तैयार किया गया जिसके दम पर कांग्रेस कर्नाटक में हर वर्ग को प्रतिनिधित्व देने की तैयारी कर रही है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस कर्नाटक में मुख्यमंत्री के साथ तीन उपमुख्यमंत्री भी बनाएगी. तीनों उपमुख्यमंत्री तीन अलग-अलग समुदाय से होंगे. एक लिंगायत, एक वोक्कालिगा और एक दलित समाज से आने वाले विधायक को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा. बता दें कि इस फॉर्मूले के पीछे की वजह 2024 का लोकसभा चुनाव और कर्नाटक का सामाजिक समीकरण है.


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कांग्रेस किसे बनाएगी कर्नाटक का मुख्यमंत्री?


दरअसल, सियासत में चेहरे और मोहरे दोनों बहुत सोच-समझकर आगे बढ़ना पड़ता है. कांग्रेस से बेहतर ये बात कोई नहीं समझ सकता क्योंकि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में ऐसी ही परिस्थितियों का सामना कांग्रेस 2018 यानी ठीक साढ़े चार साल पहले कर चुकी है. इस बार कांग्रेस के पास खोने को बहुत कुछ है क्योंकि कर्नाटक की जनता ने झोली भरकर कांग्रेस को विधायक दिए हैं और अब बारी कांग्रेस की है. कांग्रेस जिसे भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाएगी उसके जिम्मे कांग्रेस की पांच गारंटी को जनता तक पहुंचाना तो होगा ही. उस गारंटी का नतीजा भी जल्द से जल्द दिखाना होगा ताकि आगामी चुनावों में उसका फायदा मिल सके. ऐसे में कांग्रेस आलाकमान उपमुख्यमंत्री के साथ-साथ मुख्यमंत्री पद के लिए ऐसे चेहरे के तलाश में जुट गई जो सारे सियासी समीकरणों को साधने में सक्षम हो.


कर्नाटक सीएम की रेस में आगे कौन?


हालांकि, कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के दो बड़े दावेदार हैं. पहले पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया और दूसरे कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार. सिद्धारमैया ने 2013 में सीएम पद की रेस में मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पछाड़ था. 5 साल तक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार चलाई थी. ऐसे में सिद्धारमैया के पास सरकार चलाने का अनुभव है. साथ ही पूरे कर्नाटक में सिद्धारमैया की अपनी एक पकड़ भी है. लेकिन सिद्धारमैया के साथ एक बड़ी दिक्कत है उनकी उम्र. सिद्धारमैया 75 साल के हैं जो कांग्रेस के दूरगामी सियासत के लिए फिट नहीं हैं.


डीके शिवकुमार की दावेदारी कितनी पक्की?


वहीं, कर्नाटक में सीएम पद की रेस में जो दूसरा चेहरा बहुत तेजी से आगे बढ़ता दिख रहा है वो है डीके शिवकुमार. डीके वो नेता हैं जिन्होंने पिछले पांच लगातार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए बीजेपी का डटकर सामना किया है. लेकिन डीके की सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि पूरे कर्नाटक में उनका वैसा प्रभाव नहीं है जैसा सिद्धारमैया का है. हालांकि, डीके शिवकुमार ओल्ड मैसूर के उस इलाके में आते हैं जहां जेडीएस का दबदबा रहा है और इस बार उस दबदबे के खत्म करते हुए कांग्रेस ने मैसूर में बड़ी जीत दर्ज की है.


क्या मल्लिकार्जुन खरगे भी हैं विकल्प?


कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से कर्नाटक के चुनावी नतीजों के बाद जब सीएम पद के लिए सवाल पूछा गया तो उन्होंने पार्टी के नियमों को समझा कर उससे पल्ला झाड़ लिया. लेकिन सियासी जानकार जानते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष के मन में भी कर्नाटक के सीएम बनने की आकांक्षाएं खत्म नहीं हुई हैं. खड़गे तीन बार कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनते-बनते चूक गए थे. इस बार कांग्रेस की कमान उनके ही हाथ में हैं. कांग्रेस ने खड़गे के इलाके में अच्छा प्रदर्शन भी किया है. ऐसे में अगर डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच कुर्सी को लेकर रस्सा-कस्सी ज्यादा तल्ख हुई तो कांग्रेस के लिए खड़गे भी एक विकल्प हो सकते हैं.


इन तीन नेताओं के अलावा भी कांग्रेस में कई नेता हैं जो सीएम पद की लालसा पाले बैठे हैं. इन नेताओं को उम्मीद है कि सिद्धरमैया और डीके शिवकुमार की महत्वाकांक्षाओं के चक्कर में उनका दांव लग सकता है. इन नेताओं की लिस्ट में सबसे ताकतवर नाम पूर्व उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर का हैं. जी परमेश्वर का दलित समाज से आना उनके प्रोफाइल को मजबूत बनाता है.


हालांकि, सिद्धारमैया ने चुनाव से पहले ही ऐलान कर दिया था कि ये उनका आखिरी चुनाव है. ऐसे में कांग्रेस उन्हें कुछ वक्त तक सीएम पद दे कर एक सम्मानपूर्ण विदाई दे सकती है और ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले के तहत पहले सिद्धारमैया और फिर डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री पद दे सकती है. लेकिन इस पर डीके शिवकुमार भी सहमत होंगे ये अहम सवाल है. सूत्रों के मुताबिक, कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के नाम पर आज शाम होने वाले विधायक दल की बैठक में भी चर्चा हो सकती है. लेकिन कांग्रेस का सिस्टम रहा है कि विधायक दल की बैठक में सीएम पद के चयन की जिम्मेदारी कांग्रेस आलाकमान को सौंप दी जाती है. उम्मीद है की आज की कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी इसी परंपरा को दोहराया जाए.


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