Venkaiah Naidu Farewell Speech: राज्यसभा में सोमवार को सभापति के रूप में एम वेंकैया नायडू को विदा देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अधिकतर सदस्यों ने जहां उनके हास्यबोध और हाजिरजवाबी की तारीफ की. वहीं खुद नायडू ने आप सदस्य राघव चड्ढा की 'पहले प्यार' को लेकर की गई एक टिप्पणी पर ऐसी चुटकी ली जिससे आम आदमी पार्टी के सदस्य सहित पूरे सदन में हंसी की लहर दौड़ गई. 


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शाम के वक्त संसद में उनके लिए एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया. फेयरवेल स्पीच में जैसे ही माइक उपराष्ट्रपति नायडू के पास आया, उन्होंने आधे घंटे तक समां बांध दिया. उन्होंने स्पीच के दौरान रिटायरमेंट प्लान, भारतीय संस्कृति और आजादी के वीरों का जिक्र किया. उन्होंने अपनी स्पीच में कहा कि देश का स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को है लेकिन मेरा 11 अगस्त. इस बात से उनका मतलब था कि वह उपराष्ट्रपति पद से 11 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं. 


कौन रिटायरमेंट से सबसे ज्यादा होगा खुश, नायडू ने बताया


इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि रिटायर होने के बाद वे क्या करेंगे. उन्होंने कहा कि मेरे रिटायरमेंट से जो शख्स सबसे ज्यादा खुश होगा, वो मेरी पत्नी है. उन्होंने कहा, 'काम की वजह से अकसर मैं घर से बाहर जाता रहता था. शादी के बाद भी बाहर घूमने और लोगों से मिलने की आदत के कारण घर से बाहर ही रहता था. मेरी पत्नी अकसर शिकायत करती थी कि मैं उन्हें समय नहीं देता. अब जब 11 अगस्त को रिटायर हो जाऊंगा तब मेरी पत्नी को इससे सबसे ज्यादा खुशी होगी.' उन्होंने यह भी कहा कि 11 अगस्त के बाद भी घूमना और लोगों से मेल-मुलाकात का दौर चलता रहेगा. 


आधे घंटे की अपनी स्पीच के दौरान उपराष्ट्रपति ने यह भी बताया कि 11 अगस्त के बाद उनकी क्या प्लानिंग है. उन्होंने स्पीच के आखिर में कहा कि रिटायरमेंट के बाद भी सांसदों से मिलना जारी रखूंगा. मैं इस मंच से बहुत सी यादें लेकर जा रहा हूं, जिन्हें रिटायरमेंट के बाद बहुत याद करूंगा. रिटायरमेंट के बाद कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र हूं. लोगों से मिल सकता हूं, किसी के भी घर जा सकता हूं, बच्चों के साथ खाना खा सकता हूं और आम लोगों से भी मुलाकात कर सकता हूं.


सांसदों को दी ये नसीहत


स्पीच के दौरान उन्होंने सांसदों को मंत्र भी दिया. सरकार की नीतियों के कारण मॉनसून सत्र में विपक्ष के हंगामे के कारण कई सांसदों को सस्पेंड करना पड़ा था. सड़क से संसद तक विपक्ष का घमासान नजर आया था. इस पर नायडू ने कहा, 'विपक्ष में रहने के नाते विरोध-प्रदर्शन आपका हक है. आप आवाज उठाइए, लेकिन इसकी आड़ में शोर मत करिए. बात करिए, बाहर जाइए लेकिन ब्रेक आउट नहीं. क्योंकि इससे लोकतंत्र में ऑल आउट की स्थिति हो जाएगी. उन्होंने सांसदों से कहा कि वे लोगों से मिलें.' 


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