नई दिल्ली: महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार बनाने को लेकर गतिरोध जारी है. सरकार गठन को लेकर सोमवार को दिनभर बैठकों का दौर चलता रहा लेकिन स्थिति साफ नहीं हुई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस (Devendra Fadnavis) ने केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की. दूसरी ओर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात की. उधर, महाराष्ट्र में शिवसेना के सांसद संजय राउत ने राज्यपाल से मुलाकात की. इन मेल-मुलाकातों के बावजूद राज्य की सियासी तस्वीर साफ नहीं हुई. हालांकि बीजेपी को उम्मीद है कि 8 नवंबर से पहले सरकार बन जाएगी. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सोमवार को भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में हुई बैठक से ये संकेत मिले हैं. 


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सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र (Maharashtra) में बीजेपी सीएम पद (CM Post) पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं है. बीजेपी, शिवसेना (Shiv Sena) को डिप्टी सीएम पद देने पर सहमत है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी इंतज़ार करो और देखो की रणनीति पर काम करेगी. बीजेपी अल्पमत की सरकार नहीं बनाएगी. 50-50 फ़ार्मूले (50-50 Formula) पर बीजेपी सहमत नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी मंत्रालय बांटने के लिए तैयार है. बीजेपी के पास निर्दलीय व छोटी पार्टियों के विधायकों को मिलाकर 121 विधायक हैं. 


खास बात है कि शिवसेना के साथ बातचीत सुलझाने के लिए दिल्ली से मुंबई जाकर कई दिनों तक कैंप करने वाले दोनों महासचिव सरोज पांडेय और भूपेंद्र यादव भी राजधानी लौट आए हैं. माना जा रहा है कि पार्टी की शिवसेना के साथ पदों के लेन-देन को लेकर आखिरी स्तर पर बातचीत होने के बाद ही दोनों नेताओं ने दिल्ली में दस्तक दी है.


भाजपा के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी ने बताया, "अकेले देवेंद्र फडणवीस का दिल्ली आकर अध्यक्ष अमित शाह से मिलना, संकेत देता है कि शीर्ष नेतृत्व ने सरकार के गठन का फॉर्मूला समझाकर सारा दारोमदार उन पर छोड़ दिया है. देवेंद्र फडणवीस ही अब शिवसेना के साथ सब तय करेंगे और मौजूदा परिस्थितियों से निपटेंगे. संकेत मिल रहे कि मंगलवार तक शिवसेना से बातचीत सुलझ सकती है. आठ नवंबर तक सरकार बन जाने की उम्मीद है."


बीजेपी के राष्ट्रीय पदाधिकारी ने यह भी कहा कि शिवसेना को सरकार में शामिल होने पर क्या कुछ मिलेगा, यह सब उन्हें आधिकारिक स्तर से बता दिया गया है. अगर शिवसेना ने इस बीच फिर कोई पेच लगाया तो भाजपा या तो अल्पमत की सरकार बनाएगी, नहीं तो राष्ट्रपति शासन लगाने का चारा बचेगा.


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उन्होंने कहा, "याद होगा आपको, 2014 में बीजेपी ने 122 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सरकार बनाई थी. बाद में विधानसभा सत्र शुरू होने से ऐन वक्त पर शिवसेना सरकार में शामिल हुई थी. अंतर बस इतना है कि तब एनसीपी ने राज्य को दोबारा चुनाव के झंझट से बचाने के लिए भाजपा को बाहर से समर्थन दिया था."


सूत्रों के मुताबिक, राज्य में बेमौसम की बारिश की मार झेल रहे किसानों की फसल खराब होने पर केंद्र से सहायता मांगने के बहाने दिल्ली पहुंचे देवेंद्र फडणवीस की गृहमंत्री व पार्टी अध्यक्ष से भेंट में सरकार गठन के फॉर्मूले पर चर्चा हो चुकी है. पार्टी के एक नेता ने कहा, "शिवसेना की आखिरी तौर पर हां या ना पर ही बीजेपी का अगला कदम निर्भर करेगा."


(इनपुट: IANS से भी)