नई दिल्ली: आपने गंभीर अपराधों में लिप्त अपराधियों की फांसी के बारे में सुना होगा, आप ये भी जानते होंगे की फांसी देने का काम सूर्योदय से पहले ही किया जाता है यानि कि फांसी की सजा पाये अपराधी को सूर्योदय से पहले ही फांसी की सजा देने की व्यवस्था है। लेकिन क्या आपको पता है कि फांसी की सजा सूर्योदय से पहले क्यों दी जाती है, ये हैं वो कारण जिनकी वज़ह से संभवत: सूर्योदय से पहले ही फांसी की सजा दी जाती है।


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

A-नैतिक वजहें


हमारे समाज में ऐसा माना जाता है कि फांसी की सज़ा जिसको सुनाई गयी हो, उसको पूरा दिन इंतज़ार नहीं कराना चाहिए, इससे उसके दिमाग पर गहरा असर पड़ता है इसलिए उसे सुबह उठाया जाता है, फिर उसे नित्यकर्म से निवृत्त होकर फांसी के लिए ले जाया जाता है।


B-सामाजिक वजहें


अपराधी को फांसी देना समाज के लिए एक बुरी और खासी बड़ा समाचार होता है। इसका समाज में गलत प्रभाव न हो इसको ध्यान में रखकर सूर्योदय से पहले फांसी दे दी जाती है। सुबह के वक्त कैदी भी मानसिक तौर पर भी कुछ हद तक तनावमुक्त रहता है।


C-प्रशासनिक वजहें


फांसी के पहले और बाद में कई तरह की प्रक्रियाएं पूरी करनी पड़ती हैं, जैसे मेडिकल टेस्ट, कई रजिस्टरों में एंट्री और कई जगह नोट्स देने होते हैं। इसके बाद लाश को उसके परिवार वालों को भी सुपुर्द करना होता है। शायद ये भी एक बड़ा कारण है सूर्योदय से पहले फांसी दिए जाने का।