Foreign secretary In Kerala: केरल में बीजेपी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की एक अधिकारी को ‘विदेश सहयोग’ से जुड़े विषयों का अतिरिक्त प्रभार दिये जाने की शनिवार को आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को राज्य को एक स्वतंत्र देश नहीं मानना चाहिए. प्रदेश भाजपा प्रमुख के. सुरेंद्रन ने कहा कि आईएएस अधिकारी के. वासुकी को ‘‘राय का विदेश सचिव’’ नियुक्त करना ‘‘असंवैधानिक’’ और ‘‘संघीय सिद्धांतों का घोर उल्लंघन है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

असल में वासुकी श्रम और कौशल विभाग की सचिव हैं. उन्हें 15 जुलाई के एक सरकारी आदेश द्वारा ‘‘विदेशी सहयोग से जुड़े विषयों’’ का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. उक्त आदेश में कहा गया है कि सामान्य प्रशासन (राजनीतिक) विभाग बाहरी सहयोग से संबंधित विषयों से निपटेगा और वैकल्पिक व्यवस्था होने तक वासुकी की सहायता करेगा. 


बाहरी सहयोग के मामलों में अधिकारी


आदेश में कहा गया है कि नयी दिल्ली स्थित केरल हाउस के रेजीडेंट कमिश्नर, बाहरी सहयोग के मामलों में अधिकारी को सहयोग करेंगे तथा विदेश मंत्रालय, मिशनों और दूतावासों आदि के साथ संपर्क स्थापित करेंगे. इस आदेश की आलोचना करते हुए अपने बयान में, सुरेंद्रन ने विजयन पर प्रहार करते हुए कहा कि अगर चीजें इसी तरह आगे बढ़ती रहीं, तो ‘‘मुख्यमंत्री को लगेगा कि उन्हें अपने स्वयं के वाणिज्य दूतावास और विदेश मंत्री की आवश्यकता है.’’ 


उन्होंने कहा कि विदेश मामले केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आते हैं और राज्य सरकार का इसमें हस्तक्षेप करने का कदम देश को एक बुरा संकेत देता है. सुरेंद्रन ने इस नियुक्ति को तत्काल रद्द करने की मांग की, जो देश की एकता और अखंडता को नष्ट कर रही है.