West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल में राजनीतिक माहौल एक बार फिर गर्म हो गया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पुलिस पर की गई आलोचना के बाद विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने उन पर तीखा हमला बोला. उन्होंने ममता बनर्जी को 2025 में चुनाव कराने की चुनौती दी है. शुभेंदु ने ममता बनर्जी पर घोटालों और इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए धन जुटाने के गंभीर आरोप लगाए हैं.


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शुभेंदु अधिकारी का आरोप


शुभेंदु अधिकारी ने प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की सरकार पुलिस का इस्तेमाल करके अवैध रूप से धन जुटाने में लगी है. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 1600 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जिनमें लॉटरी कंपनियां और घोटालों से जुड़े लोग शामिल हैं. अधिकारी ने मांग की कि इस पैसे को रामकृष्ण मिशन या भारत सेवाश्रम जैसे संस्थानों में दान किया जाए.


इलेक्टोरल बॉन्ड और घोटाले का आरोप


शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी की पार्टी को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए जो पैसा मिला, वह खदान तस्करी, जल जीवन मिशन और सेल्सिकल खरीद जैसे घोटालों से जुड़ा हुआ है. उन्होंने इसे "सार्वजनिक हित के खिलाफ साजिश" करार दिया.


ममता बनर्जी ने लगाई थी पुलिस को लताड़


ममता बनर्जी ने हाल ही में पुलिस अधिकारियों की खुलकर आलोचना की. उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारी कानून का पालन नहीं करते और अवैध वसूली में शामिल हैं. प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री ने डीजीपी और मुख्य सचिव की मौजूदगी में पुलिस को सुधारने की बात कही.


डीजीपी का झुका सिर


जब ममता बनर्जी पुलिस के कामकाज पर सवाल उठा रही थीं, तब डीजीपी राजीव कुमार का झुका हुआ सिर चर्चा का विषय बना. यह वही अधिकारी हैं जिन्हें शारदा चिट फंड मामले में सीबीआई की जांच से बचाने के लिए ममता धरने पर बैठी थीं.


फिरहाद हकीम के बयान ने बढ़ाई पार्टी की मुश्किलें


तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए. यह बयान पार्टी के भीतर असमंजस की स्थिति पैदा कर रहा है, क्योंकि ममता खुद राज्य की गृहमंत्री हैं.


कानून-व्यवस्था पर बढ़ता विरोध


राज्य में हाल ही में महिला डॉक्टर के रेप और हत्या की घटना ने कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. विपक्ष इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रहा है, जिससे ममता सरकार दबाव में आ गई है.


क्या ममता बनर्जी की रणनीति है पुलिस सुधार?


राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि ममता बनर्जी पुलिस पर सख्त रुख अपनाकर लोकसभा चुनावों से पहले अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रही हैं. खासकर शहरी इलाकों में, जहां टीएमसी को हार का सामना करना पड़ा. ममता पुलिस में बदलाव करके जनता का विश्वास जीतना चाहती हैं.