Triskaidekaphobia: होटलों में नहीं होती 13वीं मंजिल, लिफ्ट से भी गायब रहता है बटन: क्या है इसके पीछे का रहस्य
Triskaidekaphobia 13 number: दुनिया में कई होटल हैं जो 12वीं मंजिल के बाद वाले फ्लोर को 13 अंक देने से कतराते हैं. वहीं बहुत से होटलों की लिफ्ट में भी 12 के बाद 13 अंक लिखा नही मिलेगा. कई जगह रूम नंबर 13 नहीं होता है तो इसी तरह कई बड़े शहरों में Sector-13 नहीं होता है. क्या है इसकी वजह, जानिए यहां.
Why hotel does not have 13th floor: अगर आप घुमक्कड़ी (Travel) के शौकीन हैं तो क्या कभी ऐसे होटल में रुके हैं, जिसके किसी रूम का नंबर 13 हो? या आप किसी ऐसी बिल्डिंग में गए हों जो 12 मंजिल से ज्यादा ऊंची हो लेकिन वहां 13वीं मंजिल न हो? शायद आप गए भी हों तो ध्यान न दिया होगा और अगर ध्यान दिया होगा तो ऐसा क्यों है ये पता करने की जरूरत महसूस नहीं की होगी. अब जो है सो है, लेकिन ऐसा क्यों है? इसके पीछे की असली वजह हम आपको बताते हैं.
डर का मनोविज्ञान
दरअसल दुनिया में ऐसे कई लोग हैं, जो 13 नंबर के अंक से डरते हैं. खासकर यूरोप और अमेरिका के लोग 13 नंबर को अनलकी मानते हैं. यही वजह है कि दुनिया के कई शहरों में जैसे-जैसे आबादी बढ़ी, सेक्टर्स भी बढ़ते चले गए. लेकिन वहां कभी 13 सेक्टर को बनाए जाने की बात कभी नहीं उठी. ऐसे शहर भारत में भी हैं. डर का यही मनोविज्ञान टूरिज्म बिजनेस से जुड़े होटल कारोबारियों पर भी लागू होता है. शायद इसी वजह से दुनिया के अधिकांश होटलों में 13वीं मंजिल या 13 नंबर का कमरा नहीं होते है. इसी तरह उनकी लिफ्ट में 13 नंबर शामिल नहीं किया जाता है.
मनोवैज्ञानिकों की राय
मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक इस डर को ट्रिस्कायडेकाफोबिया (Triskaidekaphobia) कहते हैं. कई जगह 13 नंबर को भूत-प्रेत और निसाचरों से भी जोड़ कर देखा जाता है. यह ऐसा फोबिया है जिससे ग्रसित लोगों को 13 नंबर देखते ही डर और घबराहट लगने लगती है. ऐसे लोगों में सांस फूलने से लेकर एंग्जाइटी बढ़ने तक की शिकायत हो सकती है. इस अज्ञात भय को लेकर कुछ लोगों का कहना है कि 13 नंबर देखते ही धड़कन बढ़ जाती है. शुभ-अशुभ की इस थ्योरी पर विश्वास करने वालों का मानना है कि जिन होटलों में 13 नंबर का डर या बंदिश नहीं होती है, वहां किसी को रूम नंंबर 13 मिल जाए तो उसका बना बनाया काम बिगड़ सकता है.
भारत में अनलकी नहीं है 13 का अंक?
इस फोबिया की एक बड़ी मिसाल दें तो फ्रांसीसी आर्किटेक्ट ली कार्बुजिए ने जब देश की पहली प्लांड सिटी चंडीगढ़ को जब डिजाइन किया तो इसे 60 सेक्टर्स में बांटा था पर सेक्टर-13 बनाने से मना कर दिया. इसी भय की वजह से कुछ होटलों में 12 के बाद सीधा 14वां फ्लोर आ जाता है. भारत के कई होटलों में इस तरह का ट्रेंड दिख रहा है, जबकि भारतीय हिसाब से 13 नंबर अनलकी नहीं माना जाता. कई लोगों का कहना है हैरानी की बात ये है कि जिन शहरों में सेक्टर-13 नहीं है वहां भी 13 नंबर का घर और मार्केट में 13 नंबर की दुकान मौजूद है. अपने देश में लोहड़ी, बैसाखी और कभी-कभी शिवरात्रि का त्योहार भी 13 तारीख को पड़ जाती है.
क्या कहता है ज्योतिष?
अंक ज्योतिषियों का मानना है कि कुछ मामलों में 13 नंबर काफी लकी है और कुछ में बिलकुल नहीं. शायद इसी वजह से 13 नंबर के कमरे या 13वां फ्लोर नहीं बनाया जाता है. हालांकि यह ऐसा नंबर है जो किसी को रातों-रात राजा तो किसी को रंक बना देता है.
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है. Zee News ऐसे किसी अंध-विश्वास की पुष्टि नहीं करता है.)