Ramadan: रमाजन इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना होता है. इसमें एक महीने तक इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग रोजा रखते हैं. हालांकि पहला रोज किस दिन रखा जाए इसे लेकर दशकों से एक परंपरा चली आ रही है कि भारत खाड़ी देश सऊदी अरब से रोजा के मामले में एक दिन पीछे चलता है. यानी जिस तारीख को सऊदी अरब में पहला रोजा होगा उसके एक दिन बाद भारत में पहला रोजा रखा जाएगा. लेकिन सवाल यह है कि जब एक ही धर्म है तो यह अंतर क्यों हैं. सऊदी अरब और भारत में लोग अलग-अलग दिनों पर रोजा की शुरुआत क्यों करते हैं.


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कैलेंडर
भारत सहित पूरी दुनिया के मुसलमान इस्लामिक हिजरी कैलेंडर को मानते हैं और उसी के आधार पर रमजान महीने की शुरुआत करते हैं. लेकिन सऊदी अरब चंद्र महीने की गणना के लिए एक अलग विधि का पालन करता है. यही कारण है कि दशकों से सऊदी अरब और भारत के मुसलमान अलग-अलग दिनों पर रोजा शुरू करते हैं.


भौगलिक कारण
भारत और सऊदी अरब में अलग-अलग दिन रोजा शुरू होने के पीछे कुछ लोग भौगोलिक कारणों को भी वजह मानते हैं. इनका तर्क है कि सऊदी अरब और भारत अलग-अलग अक्षांश पर स्थित हैं, इसलिए दोनों देशों में सूर्योदय और चंद्रोदय का समय अलग-अलग है. सऊदी अरब का अक्षांश (23.8859° N, 45.0792° E) और भारत का अक्षांश (20.5937° N, 78.9629° E) है.


एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब में जिस दिन चांद दिखता है उसके 1 दिन बाद बांग्लादेश और भारत में दिखाई देता है. यही वजह है कि भारत के लोग सऊदी अरब के मुकाबले 1 दिन बाद अपने रोजे की शुरुआत करते हैं.


भारत में शुक्रवार को होगा पहला रोजा
इस्लाम धर्म के पवित्र महीने रमजान की शुरुआत भारत में शुक्रवार से होगी. पीटीआई भाषा के मुताबिक दिल्ली के फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने को बताया कि देश में कहीं भी चांद नजर नहीं आने की सूचना मिलने के बाद चांद कमेटी ने यह फैसला किया कि पहला रोजा शुक्रवार को होगा.


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