Why Water Tank Kept at Height: फिल्म शोले तो आपने जरूर देखी होगी, जिसमें वीरू दारू के नशे में धुत होकर पानी की टंकी पर चढ़ जाता है और फिर बसंती की मौसी को जी भरकर कोसता है. जब मौसी बसंती से उसकी शादी कराने को राजी हो जाती है तो वह पानी की टंकी से नीचे आने को तैयार हो जाता है. लेकिन दारू के नशे के कारण ऊपर ही रह जाता है. इसके बाद फिल्म थ्री इडियट्स और कुछ वक्त पहले आई वेब सीरीज पंचायत में आपने पानी की टंकी देखी होगी, जहां सचिव जी की मुलाकात रिंकी से होती है. अकसर गांवों में या फिर शहरों में भी आपने इसे जरूर देखा होगा. लेकिन क्या कभी सोचा है कि पानी की इन विशालकाय टंकियों (Water Tower) को इतना ऊपर क्यों बनाया जाता है. आइए आपको बताते हैं.


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ये है साइंस


पानी को वितरित करने के लिए ऊंचे पानी के टावर बनाए जाते हैं. दरअसल इतनी ऊंचाई पर पानी की टंकियां बनाने से वितरण का खर्चा कम हो जाता है. पानी को इतनी ऊंचाई पर रखने से गुरुत्वाकर्षण बल के कारण पानी का दबाव बढ़ जाता है. पानी का प्रेशर बढ़ने से खर्च कम होता है, जिससे उसे ज्यादा दूर तक पहुंचाया जा सकता है. 


पानी की टंकी जितनी ऊंचाई पर होगी, पानी का दबाव उतना ज्यादा बढ़ जाता है, जिससे पानी और दूरी तक सप्लाई किया जा सकता है. पानी को अगर ज्यादा दूरी तक पहुंचाना है या लोगों द्वारा पानी का इस्तेमाल ज्यादा होता है तो पानी की सप्लाई के लिए ज्यादा पावर वाला पंप जोड़ना होगा, जिससे पंप और बिजली का खर्चा बढ़ जाएगा. ऐसे में अगर पानी की टंकी ऊंचाई पर बनाई जाएगी, तो पानी का प्रेशर बढ़ेगा, जिससे हमें ज्यादा प्रेशर वाले पंप की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे कम खर्च में ज्यादा दूरी तक और ज्यादा ऊंचाई वाली जगहों तक पानी की सप्लाई की जा सकती है.


...फिर भी जारी रहेगी पानी की सप्लाई


इतना ही नहीं, ऊंचाई वाले वाटर टावर्स के कारण कम दूरी की जगहों तक पानी की सप्लाई आसानी से हो सकती है. अगर किसी वजह से बिजली की कमी हो जाती है तो पानी ऊंचाई पर होने के कारण पानी की सप्लाई जारी रहेगी.  गांव या शहर की आबादी कितनी है, अलग-अलग इलाके या घर कितनी ऊंचाई पर हैं, पंप की क्षमता कितनी है और कितनी दूरी तक पानी को सप्लाई करना है, इन सब फैक्टर्स पर पानी की टंकी की ऊंचाई निर्भर करती है. 


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