लखनऊ: राजधानी में एक परचून की दुकान चलाने वाले व्यापारी ने फंदा लगाकर जान दे दी. मृतक निखिल का शव घर से बरामद हुआ. यह दुखद वाकया शहर में टाइपराइटर बाबा के नाम से मशहूर कृष्ण कुमार नाम के बुजुर्ग के घर सामने आया. पुलिस ने निखिल के कमरे से सुसाइड नोट बरामद किया है.


पत्नी से थी नाराजगी


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खबर मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने सुसाइड नोट बरामद किया. निखिल ने अपने सुसाइड नोट में पत्नी अंजू और उसकी महिला बॉस दोनों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. सुसाइड नोट के आधार पर गोमती नगर थाने में मृतक की पत्नी अंजू गुप्ता, महिला बॉस शशि किरण और उसके पति पर आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है.


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लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के मुताबिक निखिल की शादी मार्टिनपुरवा निवासी अंजू गुप्ता से साल 2012 में हुई थी. निखिल घर में परचून की दुकान चलाता था, उसकी पत्नी अंजू एक एनजीओ में नौकरी करती थी. वहीं सुसाइड नोट के मुताबिक बहू के एनजीओ से जुड़ने के बाद से वह घर में आए दिन झगड़ा करने लगी थी.


पिता ने बयान किया दर्द


वहीं निखिल के पिता कृष्ण कुमार ने बताया कि बीते शनिवार अंजू घर छोड़ कर महिला बॉस के साथ रहने जा रही थी. इस बात पर पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ तो पुलिस ने दखल दिया. अगले दिन वो फिर से एनजीओ संचालिका के साथ रहने की जिद करने लगी. ऐसे में अंजू की मां नीलम को बुलाया गया था. फिर भी अंजू नहीं मानी तो निखिल काफी परेशान हो गया था. 


कौन हैं टाइपराइटर बाबा?


मृतक निखिल के पिता कृष्ण कुमार लखनऊ में टाइपराइटर बाबा के नाम से मशहूर हैं. हजरतगंज के जीपीओ पर टाइपिंग से परिवार का पेट पालने वाले कृष्ण कुमार को अगस्त 2015 में वीवीआईपी मूवमेंट के चलते स्थानीय दारोगा ने लात मार कर टाइपराइटर फेंक दिया था, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी.


इसके बाद तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव के निर्देश पर कृष्ण कुमार से पुलिस अधिकारियों ने माफी मांगी थी. वहीं उन्हे एक नया टाइपराइटर खरीदकर उनके घर जाकर दिया गया था. तभी से कृष्ण कुमार टाइपराइटर बाबा के नाम से मशहूर हैं.


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